उत्तराखंड

पालिकाध्यक्ष सचिन नेगी की रिव्यू याचिका खारिज

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नैनीताल। हाईकोर्ट ने नैनीताल नगर पालिकाध्यक्ष सचिन नेगी की रिव्यू याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट में गुरुवार को सरकार ने भी जांच रिपोर्ट पेश की। जांच रिपोर्ट में स्पष्ट किया है कि टेंडरों में पत्रावली स्पष्ट नहीं है, आधार और लागत का आंकलन नहीं करना वित्तीय अनिमितताओं और उत्तराखंड अधिप्राप्ति नियमावली-2017 का सीधा उल्लंघन है। वहीं प्रमाण पत्र भी सही से नहीं देखे जाने पर भी वित्तीय अनिमितताएं दिखती हैं। उधर, दो दिसंबर को पालिकाध्यक्ष का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। संबंधित तथ्यों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल एवं न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की स्पेशल बेंच ने रिव्यू याचिका निरस्त कर दी। जबकि निलंबित अधिशासी अधिकारी आलोक उनियाल को अपना निलंबन समाप्त करने के लिए सक्षम अथरिटी के समक्ष प्रत्यावेदन देने को कहा है। कहा, सक्षम अथरिटी यदि उचित समझे तो निलंबन वापस ले सकती है। मामले के अनुसार नैनीताल के फ्लैट्स मैदान में नंदा देवी महोत्सव के दौरान दुकानों व झूले संचालन के लिए की गई निविदा प्रक्रिया के खिलाफ काशीपुर निवासी ष्णपाल भारद्वाज ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने इस टेंडर को नियमविरुद्घ बताया। मामले में ठेकेदार रमेश सजवाण को देहरादून के एक चार्टर्ड अकाउंटेंट की ओर से जारी वार्षिक टर्नओवर के प्रमाण पत्र पर भी सवाल उठाए। इस याचिका की सुनवाई में हाईकोर्ट ने फ्लैट मैदान में झूलों के टेंडर आवंटन में प्रथम दृष्टया नियमों की अवहेलना मानते हुए झूले के संचालन को बंद करा दिया और पालिकाध्यक्ष सचिन नेगी के अधिकार सीज करते हुए अधिशासी अधिकारी आलोक उनियाल को निलंबित कर दिया था। जिसके खिलाफ पालिकाध्यक्ष ने रिव्यू याचिका दायर की थी।

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