उत्तराखंड

गैरसैंण में मूल निवास, भू-कानून स्वाभिमान महारैली होगी

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देहरादून। मूल निवास, भू- कानून समन्वय संघर्ष समिति गैरसैंण से महारैली का आगाज करेगी। चुनाव आचार संहिता के चलते समिति ने मूल निवास स्वाभिमान आंदोलन को स्थगित कर दिया था। मंगलवार को देहरादून के शहीद स्थल पर पत्रकारों से बातचीत में समिति ने चारधाम यात्रा में अव्यवस्थाओं को लेकर सवाल उठाए। कहा कि इससे मूल निवासियों का रोजगार ठप पड़ गया है। यह मुद्दा भी महारैली में उठेगा। समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि गैरसैंण में इस हफ्ते सभी संगठनों की बैठक बुलाई गई है। इसमें महारैली की तिथि की ऐलान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मूल निवास और भू कानून को लेकर गैरसैंण के बाद दूसरे स्थानों पर भी महारैली होगी। चारधाम यात्रा को लेकर उन्होंने कहा कि ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन न होने से मूल निवासियों का रोजगार बुरी तरह प्रभावित हुआ है। रजिस्ट्रेशन की बाध्यता खत्म होनी चाहिए। समिति प्रभावित कारोबारियों से भी इस अभियान के दौरान मुलाकात करेगी। सह संयोजक लुशुन टोडरिया ने कहा कि मास्टर प्लान के नाम पर बद्रीनाथ में मूल निवासियों की अनुमति के बिना भवन-दुकानें तोड़ी गई। अभी तक उन्हें मुआवजा नहीं दिया और ना ही उनके पुनर्वास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मास्टर प्लान के दायरे से बाहर के भवन भी तोड़ने की तैयारी चल रही है। मूल निवासियों को बेघर करने की सरकार की मंशा स्पष्ट दिखाई दे रही है। समिति के कोर सदस्य प्रांजल नौडियाल ने कहा कि केदारनाथ में थार का उपयोग विकलांगों और बीमार लोगों के बजाए वीआईपी की सुविधा के लिए हो रहा है। यहां थार के बजाए एंबुलेंस ले जाई जानी चाहिए थी। इस मौके पर समिति के सदस्य प्रमोद काला, मीनाक्षी घिल्डियाल, देवचंद उत्तराखंडी, अनिल डोभाल, विपिन नेगी, योगेंद्र रावत, प्रभात डंडरियाल, अंशुल भट्ट ने कहा कि आज अपने ही राज्य में मूल निवासी हाशिये पर हैं। सभी तरह के संसाधन मूल निवासियों के हाथ से निकलते जा रहे हैं। अब यात्रा से जुड़े मूल निवासियों का रोजगार भी प्रभावित हो गया है। यह हम सभी के लिए चिंता का विषय है।

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