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नवीन रोस्टर को लेकर जनरल-ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन कर सकता है आंदोलन की घोषणा

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संवाददाता, देहरादून। सीधी भर्ती के नवीन रोस्टर में पहला और छठवां पद आरक्षित वर्ग को दिए जाने से बिफरे जनरल-ओबीसी वर्ग के कर्मचारी एक बार फिर आंदोलन का ऐलान कर सकते हैं। उत्तराखंड जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन की इस मुद्दे को लेकर मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक होगी, जिसमें आंदोलन की रणनीति पर चर्चा की जाएगी। महीनों के आंदोलन और कानूनी लड़ाई के बाद बिना आरक्षण पदोन्नति प्रक्रिया बहाल कराने में कामयाब रहे जनरल-ओबीसी कर्मचारी एक बार भी सरकार से आर-पार की लड़ाई के मूड में दिख रहे हैं। मामला यह है कि पिछले दिनों सरकार ने सीधी भर्ती का नवीन रोस्टर जारी किया, जिसमें पहला और छठवां पद आरक्षित वर्ग को दे दिया। अंदरखाने चल रही चर्चाओं पर यकीन करें तो सरकार ने पदोन्नति में सामान्य और पिछड़ा वर्ग को खुश किया तो रोस्टर के बहाने आरक्षित वर्ग को साधने की कोशिश की गई है, लेकिन उत्तराखंड जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन इस बात को लेकर बिफरा हुआ है कि सरकार के नए निर्णय से आरक्षित वर्ग को आने वाले वर्षों में 19 की जगह 20 प्रतिशत का आरक्षण मिलने लगेगा। ऐसे में एसोसिएशन इस फैसले को लेकर सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश में जुट गया है। प्रांतीय महामंत्री वीरेंद्र सिंह गुसाईं ने कहा कि रोस्टर में किया गया बदलाव किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं होगा। मंगलवार को संगठन के पदाधिकारियों व अन्य कर्मचारी संगठनों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक कर रणनीति तैयार की जाएगी। यदि सरकार उनकी मांगों पर सकारात्मक निर्णय लेने के मूड में नहीं दिखती है तो लॉकडाउन के नियमों को देखते हुए आंदोलन की घोषणा की जा सकती है।
समानता मंच ने भी जताया विरोध
अखिल भारतीय समानता मंच ने भी रोस्टर में बदलाव को अनुचित करार दिया है। मंच की सोमवार को ऑनलाइन बैठक में प्रांतीय अध्यक्ष श्यामलाल बिंजोला ने कहा कि सीधी भर्ती में पहला पद योग्यता के आधार पर निर्धारित किया जाना चाहिए। सरकार के इस निर्णय से बुद्धिजीवियों, बेरोजगारों व आमजन की भावना को ठेस पहुंचा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन इसे लेकर विरोध की जो भी रणनीति तैयार करेगा, मंच उसका पूरा समर्थन करेगा।
बैठक में राष्ट्रीय महासचिव बीपी नौटियाल, प्रांतीय महासचिव जेपी कुकरेती, अल्मोड़ा से पीसी तिवारी, पिथौरागढ़ से कैलाश चंद्र पुनेठा, केंद्रीय सचिव एलपी रतूड़ी व मीडिया प्रभारी वीके धस्माना भी शामिल रहे।

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