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नोएडा और गाजियाबाद से दिल्ली आने-जाने के लिए अब भी पास जरूरी

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नोएडा, एजेन्सी। कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते मामलों के चलते गौतमबुद्धनगर जिला और गाजियाबाद एक बड़ा हॉटस्पॉट बना हुआ है और यही वजह है कि लॉकडाउन-5 में तमाम रियायतों के बाद भी नोएडा और गाजियाबाद से दिल्ली आने-जाने के लिए पास की जरूरत होगी। इसे लेकर दोनों जिलों के जिलाधिकारी (डीएम) ने आदेश जारी कर दिए हैं।
गाजियाबाद के जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय के मुताबिक दिल्ली बॉर्डर पहले की तरह ही सील रहेगा। फिलहाल बॉर्डर पर आवागमन की जो स्थिति चल रही है उसी हिसाब से जारी रहेगी। इसमें कोई छूट नहीं दी गई है। उन्होंने बताया, “बाजारों के लिए जो पूर्व में आदेश जारी किए थे, वही लागू रहेंगे यानी कि बाजार सुबह 10:00 बजे से 5:00 बजे तक तय दिन के हिसाब से ही खुलेंगे। बाकी अन्य बिंदु 31 मई 2020 प्रदेश सरकार की गाइडलाइन के तहत लागू होंगे।”
वहीं, गौतमबुद्धनगर के जिलाधिकारी ने कहा कि दिल्ली-नोएडा बॉर्डर नहीं खुलेगा और इसे पहले की तरह ही बंद रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि 20 दिनों में जितने कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए हैं, उनमें से 42 प्रतिशत केस की वजह दिल्ली है।
इससे पहले यूपी सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन में यह कहा गया था कि नोएडा और गाजियाबाद जिला प्रशासन को इस बात पर फैसला लेना है कि दिल्ली बार्डर को खोला जाए या नहीं। असके अलावा, सोमवार 1 जून से प्रदेश के सभी सरकारी ऑफिस पूरी क्षमता के साथ खुल सकेंगे और बाजार रोटेशन बेसिस पर सुबह 9 से शाम 9 बजे तक खुलेंगे। साथ ही सुपर मार्केट, ब्यूटी पार्लर/सैलून भी खुल सकेंगे। इस दौरान टैक्सी, कैब, ऑटो रिक्शा निर्धारित सवारी क्षमता के अनुसार, सवारी बिठाकर चल चल सकेंगे। रोडवेज बसें चलेंगी। हर सीट पर सवारी बैठ सकेंगी। किसी को खड़ा होकर चलने की अनुमति नहीं होगी। सारे प्रतिबंध अब कैंटेनमेंट जोन तक ही सीमित होंगे।
दिल्ली बॉर्डर पर सबसे अहम फैसला
नोएडा जिला प्रशासन ने 22 अप्रैल से दिल्ली बॉर्डर को सील कर रखा है और दिल्ली की ओर से सिर्फ उन्हीं लोगों को आने दिया जा रहा है, जिनके पास इसके लिए अधिकृत अनुमति है। इस बॉर्डर पर छूट देने की मांग नोएडा और दिल्ली दोनों ही ओर के लोग लंबे समय से उठा रहे हैं, लेकिन अभी तक छूट नहीं मिली है।
एनईए के अध्यक्ष विपिन मलहन तथा आईआईए के अध्यक्ष कुलमणि गुप्ता ने शनिवार को कहा था कि बॉर्डर को शीघ्र खोलने की छूट मिलनी चाहिए, जिसके न खुलने की वजह से यहां पर अभी तक इंडस्ट्री सही से शुरू नहीं हो सकी हैं। साथ ही माल की आवाजाही भी बाधित हो रही है और एक हजार से अधिक इंडस्ट्री के संचालक भी नहीं आ पा रहे हैं। जो दिल्ली और हरियाणा में रहते हैं।

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