उत्तराखंड

मुर्दों के मतदाता सूची में नाम, जिंदा की पर्चियां तक नहीं

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हल्द्वानी। हल्द्वानी के मतदान केंद्रों पर शुक्रवार को मतदाता सूचियों में बड़ी खामियां देखने को मिलीं। कई बूथों पर मतदाताओं के नाम ही वोटर लिस्ट से गायब थे तो कई बूथों पर मृत व्यक्तियों के नाम की खोजबीन हो रही थी। यहां तक कि कुछ मतदाता तो ऐसे थे जिनकी पर्ची भी कटी, कमरा नंबर भी बताया गया, लेकिन आखिर में वोट कटा बताकर उन्हें मतदान से वंचित कर दिया गया। इससे वह अपने चहेते प्रत्याशी के लिए मतदान नहीं कर पाए। पप्पू का बगीचा वार्ड-31 निवासी हाफिज हामिद रजा बताते हैं कि वह 35 साल से परिवार के साथ हल्द्वानी में रह रहे हैं। पिछले कई लोकसभा और विधानसभा चुनाव में मतदान भी कर चुके हैं। शुक्रवार को जब वोट डालने के लिए पत्नी रुखसाना के साथ वनभूलपुरा क्षेत्र के मतदान केंद्र नैनीताल पब्लिक स्कूल पहुंचे तो पता चला कि दोनों का वोट कट चुका है। काफी देर तक कोशिश करते रहे, लेकिन कोई हल नहीं निकला। वहीं दूसरा मामला बद्रीपुरा बूथ पर सामने आया। बद्रीपुरा तल्ला गोरखपुर निवासी अजय सिंह बताते हैं कि जब मतदान के लिए पत्नी चेतना सिंह के साथ पहुंचे तो पर्ची भी बनी और कमरा नंबर भी मिला, लेकिन जब बूथ में पहुंचे तो वोटर लिस्ट में नाम के आगे क्रस का निशान बना था। नतीजा यह रहा कि उन्हें मतदान नहीं करने दिया गया। वहीं उसी वोटर लिस्ट में एक साल पहले मृत हुईं उनकी मां राजवंती देवी का नाम था दर्ज था और क्रस का निशान भी नहीं था। काफी देर की जद्दोजहद के बाद भी उनका वोट नहीं पड़ सका। वहीं तीसरा मामला वनभूलपुरा के इंद्रानगर में सामने आया। यहां तो वोटर लिस्ट से पूर्व पार्षद नसरीन, उनके पति मो़ राशिद और बेटी शहरीन का ही नाम गायब हो चुका था। नसरीन ने बताया कि उनके जन्म से लेकर शादी तक वह यहीं रहीं। उनके बच्चों का जन्म स्थान भी यहीं है और नगर निगम हल्द्वानी से वह पूर्व पार्षद भी रह चुकी हैं। इसके बाद भी वोटर लिस्ट से उनका नाम हटा दिया गया। कहा कि वोट न दे पाने का उन्हें बहुत दुख है।

 

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