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स्कूली छात्राओं से दुष्कर्म मामले में सरकार और पुलिस को जारी किया नोटिस, 4 सप्ताह में देना होगा जवाब

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उदयपुर, एजेंसी। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने डूंगरपुर जिले के एक सरकारी स्कूल के प्रधानाध्यापक द्वारा छह स्कूली नाबालिग छात्राओं के कथित यौन उत्पीड़न के मामले में राजस्थान सरकार और राज्य पुलिस को नोटिस जारी किया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार, मामला डूंगरपुर जिले के झाकोल स्थित सरकारी स्कूल के प्रधानाध्यापक रमेशचंद कटारा से जुड़ा है, जिसके खिलाफ एक छात्रा के अभिभावक ने शिकायत दर्ज कराई थी और मामले की जांच के बाछ स्कूल में पढ़ने वाली नौ से 12 साल की बालिकाओं के साथ उसके यौन उत्पीड़न के मामले सामने आए, जिसमें पुलिस पीड़िताओं के बयान दर्ज कर चुकी थी। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी प्रधानाध्यापक को गिरफ्तार कर लिया था।
मानवाधिकार आयोग ने मामला मीडिया के जरिए सामने आने पर प्रधानाध्यापक के कृत्य को मानवाधिकार का उल्लंघन बताया। जिसके बाद राजस्थान के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर मामले की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। इसमें पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी की स्थिति, प्रिंसिपल के खिलाफ की गई कार्रवाई और पीड़ितों को दिया गया मुआवजा, यदि कोई हो, शामिल होना चाहिए।
नोटिस में कहा गया है कि आयोग यह भी जानना चाहेगा कि क्या इस आघात से पीड़ित पीड़ितों को कोई परामर्श प्रदान किया गया है। हालांकि, पुलिस रमेश चंद्र कटारा को 3 जून को भारतीय दंड संहिता और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम के तहत गिरफ्तार कर चुकी थी।
मामले में डूंगरपुर के पुलिस अधीक्षक कुंदन कवरिया का कहना है कि पीड़ितों ने 31 मई को पुलिस को मामले की सूचना दी थी। छात्राओं का आरोप है कि प्रधानाध्यापक कटारा ने उन्हें गर्मी की छुट्टी के दौरान भी पाठ्येतर गतिविधियों के बहाने स्कूल बुलाया और उनके साथ दुष्कर्म किया। यहां तक उनमें से कुछ छात्राओं को घर पर भी बुलाया और वहां उन्हें संबंध बनाने के लिए मजबूर किया।

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