अब पानी में चलेगी मेट्रो, भारत के इस शहर में शुरू होने जा रही सर्विस, लोगों में खुशी

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मुंबई , महाराष्ट्र सरकार राज्य में जल्ग वाटर मेट्रो सर्विस शुरू करने जा रही है। जिसकों लेकर मुंबई में कोच्चि की तर्ज पर वॉटर मेट्रो सर्विस शुरू करने की दिशा में तेजी से काम कर रही है। इसे लेकर केरल के कोच्चि वॉटर मेट्रो से डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने का अनुरोध किया गया है।
यह घोषणा महाराष्ट्र के बंदरगाह मंत्री नितेश राणे ने की तरफ से की गई है। उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट को लागू करने के लिए एक स्पेशल पर्पस व्हीकल की स्थापना की जाएगी, जिसमें राज्य और केंद्र सरकार समान रूप से निवेश करेंगी। मंत्री ने कहा कि मुंबई सात द्वीपों को मिलाकर बना है, लेकिन यहां के जलमार्गों का पर्याप्त इस्तेमाल नहीं हुआ है। वॉटर मेट्रो सर्विस से सडक़ों और उपनगरीय रेलवे नेटवर्क पर दबाव कम होगा। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत बैटरी चालित फेरी सर्विसेज मुंबई महानगर क्षेत्र के कई हिस्सों को जोड़ेंगी, जिससे यात्रा न केवल पर्यावरण अनुकूल बल्कि बेहतर और तेज भी होगी।
जानकारी देते हुए राणे ने मुंबई महानगर क्षेत्र में कई संभावित रूटों के बारे में बताया, जिनमें नारंगी-खरवडेवरी, वसई-मिरा भायंदर, फाउंटेन जेटी-गाईमुख-नगले, कोलसेट-कल्हेर-मुंब्रा-कल्याण और वाशी-डोमेस्टिक क्रूज टर्मिनल (भाऊचा धक्का) सहित कई शामिल हैं। उन्होंने बताया कि वॉटर मेट्रो के पहले चरण में 21 स्थानों पर स्टेशन बनाए जाएंगे, जो वैतरणा नदी, वसई, ठाणे, मनोरी और पनवेल की खाडिय़ों तथा मुंबई पोर्ट ट्रस्ट के जलक्षेत्र को कवर करेंगे। दूसरे चरण में ‘रो-रो’ सर्विस भी शुरू की जाएगी, जिससे मल्टी-मॉडल इंटीग्रेशन संभव होगा। मंत्री ने कहा कि प्रोजेक्ट के जरिए कनेक्टिविटी भी बेहतर की जाएगी और रोड कनेक्टविटी का विकास भी साथ-साथ किया जाएगा। उन्होंने वसई किले को एक प्रमुख टूरिज्म स्पॉट के रूप में विकसित करने और आसपास के किलों, पक्षी अभयारण्यों, धार्मिक स्थलों तथा वॉटर थीम पार्कों को जोडऩे के लिए एक टूरिज्म सर्किट बनाने का सुझाव दिया है। राणे ने जल क्षेत्रों की नियमित सफाई और रखरखाव पर भी जोर दिया ताकि पर्यावरण संतुलन बना रहे और टूरिज्म को बढ़ावा मिल सके।

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