उत्तराखंड

सावन के अंतिम सोमवार पर राज्यपाल बेबीरानी मौर्य ने श्री दक्षिण काली मंदिर में किया रूद्राभिषेक

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सावन में भगवान शिव के रूद्राभिषेक व पूजन का विशेष महत्व-स्वामी कैलाशानंद गिरी
हरिद्वार। सावन के अंतिम सोमवार को प्रदेश की राज्यपाल बेबीरानी मौर्य ने परिजनों सहित श्री दक्षिण काली मंदिर पहुंचकर निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज के सानिध्य में रूद्राभिषेक कर विश्व कल्याण, देश दुनिया को कोरोना महामारी से मुक्ति दिलाने व प्रदेश की खुशहाली की कामना की। इस दौरान स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने शिव आराधना व रूद्राभिषेक का महत्व बताते हुए कहा कि देवों के देव महादेव भगवान शिव की कृपा से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। प्रत्येक श्रद्धालु भक्त को नित्यप्रति विधि विधान से भगवान शिव का जलाभिषेक व पूजन अवश्य करना चाहिए। लेकिन सावन में भगवान शिव के रूद्राभिषेक व पूजन का विशेष महत्व है। जलाभिषेक व पूजन करते समय माता पार्वती का ध्यान भी अवश्य करना चाहिए। ऐसा करने से महादेव व माता आदिशक्ति की सम्मिलित कृपा श्रद्धालुओं को प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि पौराणिक सिद्ध पीठ श्री दक्षिण काली मंदिर में भगवान शिव व माता आदिशक्ति साक्षात रूप से विराजमान हैं। मंदिर में आकर श्रद्धापूर्वक देवाधिदेव महादेव व माता पार्वती का ध्यान करते हुए विधि विधान से पूजा अर्चना तथा जलाभिषेक करने मात्र से ही सभी इच्छाएं पूर्ण हो जाती हैं। संकटों से मुक्ति मिलती है। सफलता का मार्ग प्रशस्त होता है तथा जीवन भवसागर से पार हो जाता है। राज्यपाल बेबीरानी मौर्य ने कहा कि आध्यात्मिक जगत की महान विभूति स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज राष्ट्र सेवा व मानव कल्याण में अभूतपूर्व योगदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विश्व कल्याण, भारत सहित पूरी दुनिया को कोरोना महामारी से मुक्ति मिले तथा उत्तराखण्ड में खुशहाली व्याप्त हो इस कामना के साथ स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज के सानिध्य में भगवान शिव का रूद्राभिषेक किया गया। भगवान शिव व मां दक्षिण काली की कृपा से जल्द ही देश दुनिया से कोरोना महामारी अवश्य समाप्त होगी। इस दौरान आचार्य पवनदत्त मिश्र, लाल बाबा, पंडित प्रमोद पाण्डे, अवंतिकानंद ब्रह्मचारी, कृष्णानंद ब्रह्मचारी, बालमुकुंदानंद ब्रह्मचारी, समाजसेवी संजय जैन आदि उपस्थित रहे।

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