डिजिटल युग में तलाश रहे नेटवर्क, ऑनलाइन पढ़ाई भी ठप
रिखणीखाल के ग्राम बुधगांव, पैनलगांव सहित अन्य ग्राम सभाओं में बनी है समस्या
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : भले ही केंद्र सरकार पूरे देश को डिजिटल बनाने के दावे कर रही हो। लेकिन हकीकत यह है कि रिखणीखाल प्रखंड के अंतर्गत ग्राम बुधगांव, पैनलगांव सहित अन्य ग्रामसभाओं को मोबाइल पर बात करने तक के नेटवर्क नहीं मिल पा रहे हैं। अपनों से बात करने के लिए ग्रामीणों को कई किलोमीटर की दौड़ लगानी पड़ रही है। मोबाइल नेटवर्क न होने के कारण इस क्षेत्र के लोग स्वयं को आधुनिक दुनिया से कटा हुआ महसूस कर रहे हैं। ऐसे में सबसे अधिक परेशानी बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई में हो रही है।
प्रखंड रिखणीखाल के अंतर्गत बुधगांव, पैनलगांव जौलयामांग, कालागाड सहित कई गांव में मोबाइल नेटवर्क की सुविधा नहीं है। करीब एक हजार से अधिक आबादी वाले इन ग्राम सभाओं के लिए डिजिटल युग केवल एक सपना ही बनकर रह गया है। हालात यह हैं कि अपनों से बात करने को नेटवर्क की तलाश में इन लोगों को कई-कई किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। ग्रामीण बचन सिंह, मुन्नी देवी ने बताया कि देश आजाद होने के बाद भी इन क्षेत्र में संचार व्यवस्था नहीं हो पाई है, जो कि सरकारों की उदासीनता का प्रत्यक्ष प्रमाण है। ग्रामीण इस संबंध में कई बार शासन-प्रशासन को भी पत्र भेज चुके हैं, लेकिन अब तक इस ओर किसी का ध्यान नहीं गया। ग्रामीणों के मोबाइल केवल शौपीस बनकर रह गए हैं।
बॉक्स समाचार
बिना नेटवर्क कोरोना काल में कैसे करें ऑनलाइन पढ़ाई
कोरोना संक्रमण बढ़ने के बाद केंद्र सरकार स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई पर जोर दे रही है। सरकार का दावा है कि बच्चों की पढ़ाई में किसी भी तरह की बाधा नहीं आने दी जा रही है। हालांकि, रिखणीखाल के बुधगांव, पैनलगांव, जौलयामांग, कालागाड के छात्र-छात्राओं की स्थिति को कुछ और ही बयां करती है। छात्र-छात्राओं का कहना है कि क्षेत्र में नेटवर्क न होने के कारण ऑनलाइन पढ़ाई ठप पड़ी हुई है। ऐसे में उन्हें यह चिंता सताने लगी है कि कैसे वह अपनी पढ़ाई पूरी करेंगे और किस आधार पर परीक्षा में बैठेंगे।