उत्तराखंड

विपक्षी दलों और जन संगठनों ने जनता की मांगों को लेकर उठाई आवाज

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देहरादून। विभिन्न जन संघठनों की ओर से मंगलवार को दीनदयाल उपाध्याय पार्क में जनसभा आयोजित की गई। इस दौरान वक्ताओं ने मौजूद लोगों से अपने हक के लिए आवाज उठाने की अपील की। उन्होंने मजदूरों को उनका हक देने, लोगों को बेघर नहीं करने, नफरती अभियानों पर रोक लगाने, वन अधिकार और भू अधिकार को सुनिश्चित करने समेत अन्य मांगों को प्रमुखता से उठाया। जनसंगठनों, विपक्षी दलों के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने काकोरी कांड के शहीदों को याद किया। वक्ताओं ने कहा सरकार नफरत नहीं रोजगार दे। सरकार पर आरोप लगाया कि दिहाड़ी मजदूरों के लिए बनाई गई योजनाओं पर अमल नहीं हो रहा। सरकार द्वारा बस्तियों के नियमितिकरण के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने कहा कि वन अधिकार और भू कानून को लेकर कदम नहीं उठाया जा रहा। बड़े पूंजीपतियों के हित में नई सर्विस सेक्टर नीति लाने की बात कही, जिसके अंतर्गत राज्य की जमीन 99 साल तक लीज पर निजी कंपनियों को दी जाएगी और उनको सब्सिडी के रूप में करोड़ों रुपये दिए जाएंगे। चेतना आंदोलन से शंकर गोपाल ने कहा कि 1925 में राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्लाह खान और अन्य क्रांतिकारियों ने आजाद भारत के लिए अपनी जान इसलिए दी ताकि इस देश में लोकतंत्र, न्याय, भाईचारा और बराबरी स्थापित हो, लेकिन केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों की वजह से ये सब अभी खतरे में हैं। जनसभा में शामिल लोगों ने मजदूरों को भुगतान न देने पर कार्रवाई करने, हर मजदूर का पंजीकरण करने और उनको योजना के अंतर्गत सारे निर्धारित लाभ, जैसे छात्रवृत्ति, सहायता, पेंशन,औजार आदि उपलब्ध करववाने की मांग की। निजी कंपनियों को सब्सिडी देने की जगह महिला मजदूरों व किसानों को सहायता देने, हर परिवार को राशन देने की मांग की। इसके बाद तहसीलदार के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा गया। इस दौरान उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा दसौनी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय काउंसिल सदस्य समर भंडारी, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव ड सत्यनारायण सचान, सामाजिक कार्यकर्ता व कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुजाता मालिया, पीपल्स साइंस मूवमेंट के विजय भट्ट, चेतना आंदोलन से सुनीता देवी, अशोक कुमार, और पप्पू कुमार, जन संवाद समिति के सतीश धौलखंडी, सर्वोदय मंडल के हरबीर सिंह खुश्वाहा, सामाजिक कार्यकर्ता जयदीप सकलानी ने इस दौरान अपने विचार रखे। इस दौरान रमन पंडित, राजेंद्र शाह, मुकेश उनियाल, सविता देवी आदि मौजूद थे।

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