उत्तराखंड

शिक्षकों के वेतन से रिकवरी का आदेश रद्द

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नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने प्रवक्ता और सहायक अध्यापक एलटी ग्रेड के वेतन से रिकवरी करने के आदेश को रद्द कर दिया है। शिक्षा विभाग ने छह सितंबर 2019 को यह आदेश जारी किया था। मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में हुई। मामले के अनुसार इंटर कलेजों के प्रवक्ता रमेश पैन्यूली, विनोद पैन्यूली, धीरेन्द्र मिश्रा व अन्य और सहायक अध्यापक एलटी ग्रेड द्वारा शिक्षा विभाग के रिकवरी आदेश को चुनौती दी गई थी। याचिकाकर्ताओं के अनुसार उन्हें उत्तराखंड सरकारी सेवक वेतन नियमावली 2016 के नियम 13 के अन्तर्गत एक अतिरिक्त इंक्रीमेंट के साथ चयन वेतनमान एवं प्रोन्नत वेतनमान वर्ष 2016 से प्रदान किए गए। बाद में सरकार की ओर से वर्ष 2019 में एक शासनादेश जारी किया गया। जिसमें चयन वेतनमान एवं प्रोन्नत वेतनमान देने पर एक अतिरिक्त इंक्रीमेंट देने का कोई प्राविधान नहीं रखा गया। इसी शासनादेश के आधार पर प्रवक्ताओं व सहायक अध्यापक एलटी ग्रेड से अतिरिक्त भुगतान की गई राशि को वसूलने के लिए शिक्षा विभाग ने रिकवरी आदेश जारी किए। याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि उन्हें चयन वेतनमान 2016 की वेतन नियमावली के तहत दिया गया है। सरकार का वर्ष 2019 में जारी शासनादेश, वेतन नियमावली 2016 को अतिक्रमित नहीं कर सकता। लिहाजा सरकार की ओर से जारी शासनादेश विधि विरुद्घ है। याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता ललित सामन्त ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने पंजाब वाटर सप्लाई एवं सीवरेज बोर्ड के मामले में अवधारित किया है कि अगर किसी कर्मचारी की सेवा शर्तें नियमावली से आच्छादित की गई है तो सरकार की ओर से कोई शासनादेश जारी कर नियमावली के विरुद्घ नीतिगत निर्णय नहीं लिया जा सकता। अगर सरकार ऐसा करती है तो यह विधि विरुद्घ होगा। हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट के निर्णय आलोक में याचिकाकर्ताओं की याचिकाएं स्वीकार करते हुए शिक्षा विभाग से जारी रिकवरी आदेशों को निरस्त कर दिया।

 

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