उत्तराखंड

रानीखेत के लालकुर्ती क्षेत्र में गुलदार की दहशत

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अल्मोड़ा। रानीखेत के कुंपुर लालकुर्ती क्षेत्र में गुलदार की दहशत है। क्षेत्र में एक नहीं, तीन से चार गुलदार सक्रिय हैं। दिन-दहाड़े भी लोग उन्हें घूमते हुए देख चुके हैं। कई पालतू और लावारिस मवेशियों को गुलदार निवाला बना चुके हैं। लोगों का जरूरी कार्यों के लिए इधर-उधर जाना तथा स्कूली बच्चों को स्कूल भेजना तक दूभर हो चला है। दहशत का माहौल इस कदर है कि बड़ी संख्या में आवारा पशु भी रात के वक्त लालकुर्ती बस्ती से बाहर नहीं जा रहे हैं। स्थानीय लोगों ने संयुक्त मजिस्ट्रेट और वनाधिकारियों को ज्ञापन भेजकर पिंजरा लगाने की मांग उठाई है। नगर के ऊपरी हिस्से में जंगल से लगे कुंपुर लालकुर्ती में लंबे समय से गुलदार का आतंक है। वर्तमान में आतंक और भी अधिक बढ़ गया है। स्थानीय लोगों के अनुसार क्षेत्र में एक नहीं, तीन से चार गुलदार एक साथ बेखौफ घूम रहे हैं। लोगों के मवेशियों, पालतू कुत्तों के अलावा कई आवारा पशुओं को गुलदार मौत के घाट उतार चुके हैं। रानीखेत अथवा अन्य क्षेत्रों में काम करने वाले लालकुर्ती वासी देर शाम घर लौटने में डर रहे हैं। कई बार दिन के वक्त भी मुख्य मार्गों में गुलदारों को घूमते देखा गया है, जिससे बच्चों को स्कूल भेजने में भी लोग डर रहे हैं। लालकुर्ती निवासी रामेश्वर गोयल के अनुसार तीन से चार के झुंड में गुलदार विचरण कर रहे हैं, इनमें एक शावक भी है। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों के अलावा लालकुर्ती क्षेत्र में बड़ी संख्या में घूमने वाले आवारा पशु भी गुलदारों से भयभीत हैं। शाम होते ही सहमा आवारा पशुओं का झुंड लालकुर्ती में इंसानी बस्ती के पास जमा हो जाता है, सुबह होने के बाद ही पशु बस्ती से बाहर निकल रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन संयुक्त मजिस्ट्रेट और वन क्षेत्राधिकारी को भेजकर गुलदारों को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाए जाने की मांग उठाई है।

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