उत्तराखंड

हाईकोर्ट रजिस्ट्री के पुराने नियम बदलने को याचिका

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नैनीताल। हाईकोर्ट ने उच्च न्यायालय की रजिस्ट्री के द्वारा पुराने नियमों के तहत कार्य करने के खिलाफ दिल्ली निवासी आचार्य अजय गौतम की जनहित याचिका पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने राज्य सरकार से जवाब पेश करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई के लिए 25 जुलाई की तिथि नियत की है। मामले के अनुसार दिल्ली निवासी आचार्य अजय गौतम ने जनहित याचिका दायर की है। जिसमें कहा कि उत्तराखंड उच्च न्यायालय की रजिस्ट्री पुराने 1952 नियमों के अनुसार कार्य कर रही है। उच्च न्यायालय ने यह नियम इलाहाबाद उच्च न्यायलय से ही अधिगृहीत किए हैं। आज तक इनमें कोई संशोधन नहीं हुआ। कई प्रदेशों की अदालतें पेपरलेस तक हो चुकी हैं। नैनीताल शहर से बाहर का कोई अधिवक्ता जब अपने केस की पैरवी करने के लिए उच्च न्यायालय में आता है तो उसे अपने केस की दो से ढाई सौ पन्नों की फाइल साथ में लानी पड़ती है। अगर कोर्ट इसे पेपरलेस कर दे तो वादकारियों, वकीलों को बड़ी सुविधा होगी। उन्हें अपने केस की सारी जानकारी तय तिथि पर आसानी से मिल सकेंगी। जनहित याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की है कि इन नियमों में संसोधन किया जाए और उच्च न्यायालय की रजिस्ट्री को डिजिटल बनाया जाए।

 

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