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संसद की सुरक्षा में चूक मामले में जनहित याचिका, पूर्व न्यायाधीश की अगुवाई में जांच की मांग

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नई दिल्ली , एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर 13 दिसंबर को संसद सुरक्षा में हुई चूक की शीर्ष अदालत के एक पूर्व न्यायाधीश की अगुआई में अदालत की निगरानी में जांच कराने का अनुरोध किया गया है।
तीन दिसंबर को सागर शर्मा और मनोरंजन डी नाम के दो व्यक्ति शून्यकाल के दौरान सार्वजनिक दीर्घा से लोकसभा के कक्ष में कूद गए थे, उस दौरान उन्होंने कनस्तरों से पीला धुआं छोड़ा था और नारेबाजी की थी। लगभग उसी समय दो अन्य लोगों अमोल शिंदे और नीलम देवी ने संसद भवन परिसर के बाहर ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ के नारे लगाते हुए कनस्तरों से रंगीन धुआं छोड़ा था। पांचवें आरोपी ललित झा ने कथित तौर पर परिसर के बाहर विरोध प्रदर्शन के वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित किए।
यह जनहित याचिका वकील याचिकाकर्ता अबू सोहेल ने अधिवक्ता श्रुति बिष्ट के माध्यम से दायर की। याचिका में कहा गया है, ”13 दिसंबर को संसद के निचले सदन लोकसभा की सुरक्षा में बड़ी चूक के मामले में उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी में स्वतंत्र, विश्वसनीय और निष्पक्ष न्यायिक जांच की प्रकृति में उचित रिट, आदेश या निर्देश पारित किया जाए।” याचिका में उच्चतम न्यायालय के एक पूर्व न्यायाधीश की निगरानी में ”स्वतंत्र, विश्वसनीय और निष्पक्ष” न्यायिक जांच की मांग की गई है।”
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में अलग-अलग भूमिका के लिए अब तक छह लोगों को गिरफ्तार किया है और जांच जारी है। गिरफ्तार आरोपियों में सागर शर्मा, मनोरंजन डी, अमोल शिंदे, नीलम देवी, ललित झा और महेश कुमावत शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट में एक जनवरी तक शीतकालीन अवकाश है।

 

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