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समुद्री सुरक्षा की चुनौतियों से निपटने के लिए बढ़ाएं सहयोगरू पीएम नरेंद्र मोदी

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नई दिल्ली, एजेंसी। पीएम नरेंद्र मोदी संयुक्घ्त राष्घ्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में इतिहास रच दिया। जब पीएम मोदी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की एक उच्चस्तरीय खुली परिचर्चा की अध्यक्षता की तो वह ऐसा करने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं। इस कार्यक्रम का संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की वेबसाइट पर सीधा प्रसारण हुआ। इस बैठक में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों, सरकार के प्रमुखों और संयुक्त राष्ट्र प्रणाली एवं प्रमुख क्षेत्रीय संगठनों के उच्च स्तरीय विशेषज्ञों के भाग लिया। इस बैठक में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी भाग लिया।
पीएम मोदी ने कहा, समुद्री विवाद का समाधान शांतिपूर्ण और अंतरराष्ट्रीय कानून के आधार पर होना चाहिए। हमें समंदर से उत्पन्न प्रातिक आपदाओं से उत्पन चुनौतियां का मिलकर सामना करना चाहिए। इस विषय पर क्षेत्रिया सहयोग बढ़ाने पर भारत ने कई कदम उठाए हैं।
पीएम मोदी ने कहा, हम सागर (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) के दृष्टिकोण के आधार पर अपने क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा पर एक समावेशी ढांचा बनाना चाहते हैं। यह दृष्टि एक सुरक्षित, सुदृढ़ और स्थिर समुद्री क्षेत्र के लिए है।
पीएम ने कहा – हमें समुद्री व्यापार में आने वाली परेशानियों को दूर करना चाहिए। समुद्री व्यापार के सक्रिय प्रवाह पर हमारी समृद्घि निर्भर करती है और इस रास्ते में आने वाली बाधाएं पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए एक चुनौती बन सकती हैं। मुक्त समुद्री व्यापार अनादि काल से भारत की संस्ति से जुड़ा है। समुद्री सुरक्षा के लिए मैं 5 बुनियादी सिद्घांतों को सामने रखना चाहूंगा। पहला- वैध व्यापार स्थापित करने के लिए बाधाओं को दूर किया जाना चाहिए। दूसरा – समुद्री विवादों का निपटारा शांतिपूर्ण और अंतरराष्ट्रीय कानून के आधार पर ही होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज आतंकी घटना और समुद्री लुटेरों के लिए समंदर के रास्तों का इस्तेमाल हो रहा है, इसलिए हम इस विषय को सुरक्षा परिषद के पास लेकर आए हैं।
पीएम मोदी ने कहा, महासागर हमारी साझा विरासत हैं और हमारे समुद्री मार्ग अंतरराष्ट्रीय व्यापार की जीवन रेखा हैं। ये महासागर हमारे ग्रह के भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।
विदेश मंत्रालय ने कहा, यह देखते हुए कि कोई भी देश अकेले समुद्री सुरक्षा के विविध पहलुओं को संबोधित नहीं कर सकता है, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में इस विषय पर समग्र रूप से विचार करना महत्वपूर्ण है। समुद्री सुरक्षा के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण के तहत समुद्री क्षेत्र में पारंपरिक और गैर-पारंपरिक खतरों का मुकाबला करते हुए वैध समुद्री गतिविधियों की रक्षा और समर्थन करना चाहिए।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि पीएम मोदी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की खुली बहस की अध्यक्षता करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री होंगे।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की खुली बहस की अध्यक्षता करने वाले नरेंद्र मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। इस परिचर्चा का विषय है- समुद्री सुरक्षा बढ़ाना – अंतरराष्ट्रीय सहयोग का विषय। इस खुली परिचर्चा के केंद्र में समुद्री अपराध, असुरक्षा तथा इस क्षेत्र में सहयोग बढ़ाना है। संयुक्घ्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने समुद्री सुरक्षा और समुद्री अपराध के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा कर कई प्रस्ताव पारित किए हैं। हालांकि, यह पहली बार होगा कि समुद्री सुरक्षा पर उच्च स्तरीय और खुली चर्चा गहन तरीके से होगी।
भारत अगस्त महीने के लिए यूएनएससी की अध्यक्षता कर रहा है। एक अगस्त से भारत ने इसकी जिम्मेदारी संभाल ली है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में केवल 5 स्थायी सदस्य अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, रूस और फ्रांस है। वर्तमान में भारत दो साल के लिए सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य है।

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