उत्तराखंड

युवा पीढ़ी को नशाखोरी से बचाने को पुलिस की सकारात्मक पहल

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बागेश्वर। बढ़ती नशाखोरी से बर्बाद हो रही युवा पीढ़ी को बचाने के लिए अब पुलिस ने सकारात्मक पहल करते हुए काउंसिलिंग शुरू कर दी है। इसके साथ ही अगर जरूरत पड़ेगी तो उनके बेहतर भविष्य और उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने के लिए विशेषज्ञों से राय लेकर नशा मुक्ति केंद्र से भी मदद ली जाएगी। रविवार को पुलिस ने नशे के आदी चार युवकों की काउंसिलिंग की। उन्हें नशे से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी दी। इसके साथ ही अभिभावकों की काउंसिलिंग कर जागरुक किया। पहाड़ के युवक-युवतियों नशाखोरी के जाल में फंसकर भविष्य बर्बाद कर रहे है। नशे के लती युवक इस जहर को पाने के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार हैं। पुलिस ने ऐसे भटके युवकों को मुख्यधारा में लाने के लिए सकारात्मक पहल की है। वह जिले में ऐसे बच्चों की सूची तैयार कर रहा है जो नशे के आदी है। उनकी पहले काउंसिलिंग की जाएगी। उसके बाद अगर किसी को दवा आदि की जरूरत हो तो वह विशेषज्ञ चिकित्सकों से सलाह लेगी। इसके साथ ही नशा मुक्ति केंद्रों में भी भेजने में मदद करेगी।
एसपी देवेंद्र पिंचा ने बताया कि असल में बच्चे अपराधी नहीं होते हैं। नशे की लत उन्हें बिगाड़ रही है। इसलिए ऐसे बच्चों और उनके अभिभावकों की काउंसिलिंग की जा रही हैं। ताकि उनको मुख्यधारा में लाकर उनका भविष्य सुरक्षित बन सके।
सलाह के लिए टोल फ्री नंबर: मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सुनीता टम्टा ने बताया कि किसी भी प्रकार का नशा छुड़वाने के लिए 104 टोल फ्री नंबर है। जिला अस्पताल में काउंसलर की व्यवस्था की गई है। सुबह 10 बजे से शाम छह बजे तक सलाह ले सकते हैं। इसके साथ ही जन जागरुकता कार्यक्रम व शिविर भी लगाए जा रहे हैं। स्कूलों में भी कार्यक्रम चलाकर नशे के दुष्प्रभावों को बताया जा रहा हैं।

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