उत्तराखंड

जागेश्वर मंदिर समिति में राजनीतिक दखल दूर हो

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अल्मोड़ा। निवर्तमान उपाध्यक्ष गोविंद गोपाल जागेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति में बढ़ते राजनैतिक दबाव से बेहद आहत हैं। कहा कि अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने बेहद राजनैतिक दखल जागेश्वर मन्दिर प्रबंधन समिति में झेला। कहा कि हाईकोर्ट ने जिस अवधारणा को लेकर जागेश्वर मंदिर ट्रस्ट निर्माण कराया था, वो पूरी तरह साकार नहीं हो रहा है। उन्होंने हाईकोर्ट से इस मामले को संज्ञान में लेने की मांग उठाई है। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने कमेटी का सालाना सीएजी अडिट कराने के आदेश दिए थे। लेकिन सात साल बीतने के बाद भी सीएजी अडिट नहीं हो पाया, जोकि बड़ी विडंबना है। उन्होंने कहा कि जागेश्वर में जनता की ओर से ही दान के रूप में चढ़ावा चढ़ाया जाता है। उस चढ़ावे का पूरा हिसाब किताब सार्वजनिक होना चाहिए। मंदिर प्रबंधन समिति को हर हाल में आरटीआई के दायरे में लाना होगा, अन्यथा पारदर्शिता को लेकर जनता सवाल उठाते रहेगी। बताया कि उन्होंने कई मौके पर इस कमेटी में राजनैतिक दबाव देखा। मंदिर के धार्मिक कार्यक्रमों के मंचों पर भी स्थानीय राजनेताओं के कब्जे देखे। आरोप लगाया कि कार्यकाल के दौरान कई बार उन्हें भ्रष्ट नेताओं ने परेशान किया। इसके अलावा प्रबंधक हो या उपाध्यक्ष पद दोनों जगह ही चयन प्रक्रिया में बड़ा राजैनतिक दखल हर बार हो रहा है। चयन प्रक्रिया राजनैतिक हस्तक्षेप के कारण प्रभावित हो रही है। उन्होंने हाईकोर्ट से धर्मक्षेत्र और इसकी व्यवस्थाओं को राजनैतिक दखल बंद करवाने और जनता के हितों को देखते हुए बायलज में संशोधन करने की मांग उठाई। उन्होंने प्रबंधक और उपाध्यक्ष पद पर चयन प्रकिया भी हाईकोर्ट की सीधी देखरेख में संपन्न कराने की मांग उठाई, ताकि राजनैतिक दखल बंद हो सके।

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