प्रशांत भूषण के खिलाफ अवमानना मामले में 31 अगस्त को फैसला सुनाएगा सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली। वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण के खिलाफ अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट सोमवार को फैसाल सुनाएगी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को प्रशांत भूषण की सजा पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। माफी मांगने से पहले ही इनकार कर चुके प्रशांत भूषण को कोर्ट ने 30 मिनट का समय दिया था और कहा था कि अपने रुख पर फिर विचार कर लें। लेकिन इसके बाद भी भूषण का विचार नहीं बदला तो कोर्ट ने यहां तक पूछा कि माफी मांगने में क्या गलत है, क्या यह बहुत बुरा शब्द है?
कंटेम्प्ट अफ कोर्ट एक्ट के अनुसार, आपराधिक अवमानना घ्घ्के अपराध में छह महीने तक की जेल या 2,000 रुपए तक का जुर्माना या दोनों होता है। प्रशांत भूषण के पास अपने ट्वीट को लेकर कोर्ट के सामने माफी मांगने का अवसर था लेकिन ऐसा उन्होंने नहीं किया। मंगलवार को सुनवाई के दौरान पीठ ने पूछा था, भूषण ने कहा कि उच्चतम न्यायालय चरमरा गया है, क्या यह आपत्तिजनक नहीं है। पीठ ने कहा कि अदालत केवल अपने आदेशों के जरिए बोलती है और अपने हलफनामे में भी, भूषण ने न्यायपालिका के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां की हैं। वेणुगोपाल ने पीठ से कहा कि अदालत को उन्हें चेतावनी देनी चाहिए और दयापूर्ण रुख अपनाना चाहिए। पीठ में न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति ष्ण मुरारी भी शामिल थे।
पीठ ने कहा था कि जब भूषण को लगता है कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया तो उन्हें इसे न दोहराने की सलाह देने का क्या मतलब है। कोर्ट ने कहा, श्श्एक व्यक्ति को गलती का एहसास होना चाहिए, हमने भूषण को समय दिया लेकिन उन्होंने कहा कि वह माफी नहीं मांगेंगे।श्श्
शीर्ष अदालत ने 20 अगस्त को, भूषण को माफी मांगने से इनकार करने के उनके श्अपमानजनक बयानश् पर फिर से विचार करने और न्यायपालिका के खिलाफ उनके अवामाननाकारी ट्वीट के लिए श्बिना शर्त माफी मांगनेश् के लिए 24 अगस्त का समय दिया था और उनकी इस दलील को अस्वीकार कर दिया था कि सजा की अवधि अन्य पीठ द्वारा तय की जाए।