उत्तराखंड

करपोरेट नीतियों के खिलाफ दून में महापड़ाव जारी

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देहरादून। केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों और संयुक्त घ्किसान मोर्चा के आह्वान पर सोमवार को दूसरे दिन भी दीनदयाल उपाध्याय पार्क में महापड़ाव जारी रहा। इस दौरान वक्ताओं ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि किसान और मजूदर नीतियों के खिलाफ आंदोलन जारी रहेगा। वक्ताओं ने कहा कि उत्तराखंड राज्य में अनियोजित घ्विकास के कारण पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंच रहा है। उन्होंने पूर्व में हुई घटनाओं पर प्रकाश डाला। डीजल पेट्रोल, रसोई की कीमतें बढ़ने का विरोध किया। इसके अलावा चार श्रम कोड वापस लेने, ठेका प्रथा बन्द करने, असंगठित क्षेत्र में सामाजिक सुरक्षा की गारन्टी समेत अन्य मांगों को प्रमुखता से उठाया। सभी ने सिलक्यारा टनल फंसे मजदूरों को निकालने में हो रही देरी पर चिन्ता व्यक्त की। इस दौरान पड़ाव की अध्यक्षता कर रहे सीटू के प्रांतीय सचिव राजेन्द्र सिंह नेगी, महामंत्री महेन्द्र जखमोला, इंटक के अध्यक्ष एपी अमोली, बीरेंद्र नेगी, एटक के महामंत्री अशोक शर्मा, उपाध्यक्ष समर भंडारी, किसान सभा के अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह सजवाण, महामंत्री गंगाधर नौटियालघ्, एक्टू से केके बोरा, किसान एकता केंद्र के तेजेन्द्र, शिवप्रसाद देवली, शिवा दुबे, चित्रा, जानकी चौहान, एसएस नेगी, अनिल कुमार, प्रवीण, जगदीश कुड़ियाल, किशन गुनियाल, सुरेन्द्र अग्रवाल, जगदीश मेहन्दिरता, एसएस रजवार, किसान नेता माला गुरूंग, भगवान सिंह राणा, दमयंती नेगी, कमरूद्दीन, राजेन्द्र पुरोहित, भूपाल सिंह रावत, गिरिधर पंडित, जगदीश कुकरेती, विक्रम सिंह पुंडीर, भगवंत पयाल, रविंद्र नौडियाल समेत विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद थे।

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