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पुरानी पेंशन बहाली को संयुक्त मोर्चा ने मनाया एक अक्तूबर को काला दिवस

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बागेश्वर। पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर जिले भर के कर्मचारियों ने गुरुवार को काला दिवस के रूप में मनाया। उन्होंने एक अक्तूबर 2005 से लागू नई पेंशन स्कीम को कर्मचारियों के साथ अन्याय बताया। विकास भवन के कर्मचारियों ने प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। सोशल मीडिया पर भी कर्मचारियों ने ब्लैक डीपी व अन्य संदेशों से पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग उठाई। कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाल होने तक संघर्ष जारी रखने का ऐलान भी किया। पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के प्रदेश संयोजक मिलिंद बिष्ट के आह्वान पर जिले भर के कर्मचारियों ने अलग-अलग तरह से विरोध जताया। विकास भवन परिसर में कर्मचारी शिक्षक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष केसी मिश्रा के नेतृत्व में कर्मचारियों ने जोरदार प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने बांह में काला फीता, चेहरे पर काला मास्क लगाकर नई पेंशन को वापस लेने के लिए सरकार के खिलाफ नारे लगाए। सोशल मीडिया साइट फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, ट्विटर के माध्यम से भी कर्मचारियों ने नई पेंशन योजना का विरोध किया। उन्होंने अपनी प्रोफाइल, स्टेटस को पूरी तरह से ब्लेक कर काला दिवस मनाया। प्रदेश संयोजक बिष्ट ने बताया कि 2005 के बाद से नियुक्त कर्मचारियों के लिए सरकार नई पेंशन योजना लेकर आई है। जो पूरी तरह से कर्मचारियों के हितों पर चोट करती है। उन्होंने कहा कि यह योजना पूरी तरह से बाजार पर निर्भर है। इसमें जीपीएफ की सुविधा भी नहीं है। बताया कि साठ साल की उम्र तक विभाग की सेवा करने के बाद जब कर्मचारी घर लौटेगा तब भी उसे अपने भविष्य की चिंता होगी। कर्मचारियों ने नई पेंशन योजना के विरोध में लगातार आवाज उठाने और पुरानी पेंशन बहाल करवाकर ही दम लेने की चेतावनी दी। इस मौके पर पूरन परिहार, कुलदीप जोश्ी, प्रकाश चंद्र चैबे, राजेंद्र बिष्ट, संतोष खेतवाल सहित तमाम कर्मचारी मौजूद रहे। इधर,राशिसं के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य आलोक पांडेय, डॉ. हरीश दफौटी, मनोज मिश्रा, कपिल पांडेय आदि ने सोशल मीडिया साइट्स पर अपील कर काला दिवस कार्यक्रम को सफल बनाने की अपील की।

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