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रास्ता भटक जंगल पहुंची 9 साल की दिव्या, पेड़ के नीचे बिताई रात, सकुशल बरामद

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देहरादून। हौसला उम्र का मोहताज नहीं, हिम्मत हो तो पर्वत भी बौना बन जाता है। नौ साल की दिव्या ने एक ऐसी ही मिसाल पेश की। बुआ के साथ बाजार गई यह बच्ची रास्ता भटक कर जंगल पहुंच गई और पूरी रात उसे घने जंगल में बितानी पड़ी। सुबह वह किसी तरह पास के एक गांव में गई और ग्रामीणों की सूचना पर राजस्व पुलिस और स्वजन उसे घर लाए। बच्ची के सकुशल मिलने पर राजस्व पुलिस और स्वजनों ने राहत की सांस ली। घटना देहरादून जिले के जनजातीय क्षेत्र चकराता के त्यूणी क्षेत्र की है। त्यूणी तहसील के सुदूरवर्ती शिलगांव के रहने वाले पंकज शर्मा की नौ वर्षीय पुत्री दिव्या कक्षा चार की छात्रा है। पंकज गांव में रहकर खेतीबाड़ी करते हैं। रविवार को दोपहर बाद दिव्या अपनी बुआ के साथ पास के कथियान बाजार गई। इसे छोटे बाजार के आसपास घना जंगल है। चकराता के एसडीएम डॉ. अर्पूवा सिंह ने बताया कि बुआ एक दुकान में खरीदारी के लिए गई। इस बीच दिव्या बाजार में घूमने निकल गई। बुआ को इसका पता नहीं चला। खरीदारी के बाद वह भतीजी को तलाशने लगी, लेकिन वह बाजार में नजर नहीं आई। इस पर उसने गांव में सूचना दी। तब तक शाम हो गई थी। ग्रामीणों ने दिव्या की तलाश शुरू की, लेकिन कुछ पता नहीं चला। इस पर उन्होंने राजस्व पुलिस को मामले की जानकारी दी। इस पर राजस्व पुलिस की टीम भी बच्ची की तलाश में जुट गई। देर रात तक जंगल में भी बच्ची की खोज की गई, लेकिन सफलता नहीं मिली। सोमवार सुबह एक बार भी खोज अभियान शुरू किया गया। तहसीलदार पूरण सिंह तोमर ने बताया कि खोजबीन चल ही रही थी कि पुरटाड़ गांव से सूचना आई कि एक बच्ची गांव के पास गोशाला के नजदीक मिली है। इस पर राजस्व पुलिस के साथ स्वजन पुरटाड़ गांव पहुंचे। दिव्या को सकुशल देख सभी ने राहत की सांस ली। दिव्या ने बताया कि बाजार घूमते हुए वह जंगल में चली गई। इस बीच वह रास्ता भटक गई और वापसी के लिए रास्ता न मिलने पर घबरा भी गई। इस बीच अंधेरा घिर आया, लेकिन उसने साहस नहीं छोड़ा और एक पेड़ के नीचे बैठ गई। घने जंगल के बीच पूरी रात उसने पेड़ ने नीचे बिताई। सुबह होने पर उसने एक बार फिर जंगल से निकलने का प्रयास शुरू किया। इस दौरान उसने कुछ दूर धुंआ देखा। वह उसी दिशा में आगे बढ़ी और पुरटाड़ गांव पहुंच गई। क्षेत्र में हर कोई दिव्या के साहस को सराह रहा है।

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