उत्तराखंड

ब्रह्म कपाल पहुंचकर पिंडदान कर रहे

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चमोली। पितृ पक्ष शुरू होते ही बदरीनाथ धाम के ब्रह्म कपाल में पिंड तर्पण के लिए यात्रियों का भीड़ उमड़ने लगी है। मान्यता है कि जो कोई भी इस स्थान पर अपने पितरों का पिंड दान तर्पण करवाते हे उनके पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और फिर कभी भी उन्हें कही भी अपने पितरों के पिंड दान तर्पण करने की आवश्यकता नहीं होती है। पितरों के लिए समर्पित यह पक्ष भाद्रपद मास की पूर्णिमा से लेकर आश्विन माह की अमावस्या तक मनाया जाता है। बदरीनाथ धाम में इस वर्ष 2 लाख से अधिक श्रद्घालुओं ने अपने पितरों के नाम का पिंडदान तर्पण करवा चुके हैं। पितृपक्ष के प्रथम दिन शुक्रवार को 5 हजार से अधिक श्रद्घालुओं ने अपने पितरों का पिंडदान तर्पण किया। ब्रह्म कपाल के तीर्थ पुरोहित मदन मोहन कोटियाल का कहना है कि इस वर्ष धाम में अभी तक 2 लाख से अधिक श्रद्घालु अपने पितरों का पिंडदान तर्पण करवा चुके हैं वहीं शुक्रवार को पितृ पक्ष की प्रथम दिन ही 5 हजार से अधिक श्रद्घालु अपने पितरों का पिंडदान व दर्पण करवा चुके हैं। नेपाल, दक्षिण भारत, राजस्थान, दिल्ली व देश के अनेकों राज्यों से लोग भारी संख्या में यहां पर पिंडदान व तर्पण करवाने पहुंच रहे हैं वहीं विदेशी तीर्थ यात्री भी जर्मनी, अस्ट्रेलिया, यूरोप से पहुंचकर सनातन धर्म के अनुसार ब्रह्म कपाल पर पहुंचकर अपने पितरों का हिंदू रीति रिवाज से पिंडदान व तर्पण करवा रहे हैं ।

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