कोटद्वार-पौड़ी

रोडवेज की बसों में यात्रियों का टोटा, सात बसों में 46 यात्रियों ने की यात्रा

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। कोटद्वार रोडवेज डिपो से संचालित में सवारियों का टोटा बना हुआ है। सवारी नहीं मिलने से रोडवेज को भी अच्छी खासी चपत लग रही हैं। आलम यह है
कि शनिवार को कोटद्वार रोडवेज स्टेशन से सात बसों में करीब 46 यात्रियों ने यात्रा की। जबकि यात्रियों के अभाव में त्रिपालीसैंण व जमेली बस सेवा संचालित नहीं
हो सकी। दरअसल लॉकडाउन के बाद बीते जून माह के अंतिम सप्ताह से रोडवेज ने सरकारी आदेश के बाद बसों का संचालन शुरू कर दिया। लेकिन बसों में यात्री
नहीं मिलने से डिपो की कमाई नहीं हो रही है।
शासन से मिले दिशा-निर्देशों के बाद परिवहन निगम ने 25 जून से बसों का संचालन शुरू कर दिया था। कोटद्वार डिपो ने भी कई मार्गों पर बस सेवा शुरू की
थी, लेकिन अभी तक बसों को पर्याप्त संख्या में यात्री नहीं मिल रहे हैं। शनिवार को पोखड़ा के लिए संचालित हुई बस में सिर्फ एक यात्री सवार था, जबकि धुमाकोट
बस में चार, रिखणीखाल में तीन, श्रीनगर में पांच, लैंसडौन में आठ, झंडीचौड़ में 20 व बीरोंखाल बस में पांच यात्रियों ने सफर किया। वहीं, त्रिपालीसैंण व जमेली के
लिए एक भी यात्री नहीं मिला। जिस वजह से बस सेवा संचालित नहीं हो सकी। इसके अलावा लालढांग-चिलरखाल मार्ग बंद होने से डिपो से देहरादून व हरिद्वार के
लिए भी बसें संचालित नहीं हो पा रही हैं। उधर, एआरएम टीकाराम आदित्य ने बताया कि बसों में यात्रियों की संख्या काफी कम चल रही हैं। यात्रियों की संख्या के
हिसाब से ही बसें संचालित की जाएंगी। (फोटो संलग्न है)
कैप्शन03:

रोडवेज बस एक यात्री को लेकर रवाना
अनलॉक 1 शुरू होने के बाद 25 जून को उत्तराखण्ड सरकार ने रोडवेज की बसों को चलाने का निर्णय लिया था। सरकार के आदेश पर परिवहन विभाग ने बसों का
संचालन शुरू किया। इसी के तहत कोटद्वार रोडवेज डिपो ने भी बसों का सांचालन शुरू किया, लेकिन अधिकांश रूटों पर यात्रियों की संख्या काफी कम है। कुछ रूटों
पर तो यात्री न मिलने से बसों का संचालन नहीं हो पा रहा है। शनिवार को बसें तो चली लेकिन यात्रियों की संख्या काफी कम होने से बसों का सफर फीका रहा।
विभाग यात्री न होने से त्रिपालीसैंण व जमेली बस सेवा का संचालन नहीं कर पाया। वहीं कोटद्वार से पोखड़ा के लिए संचालित बस में मात्र एक यात्री ने यात्रा की।
ऐसे में डिपो बसों का संचालन कैसे कर पायेगा यह गंभीर सवाल बना हुआ है।

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