उत्तराखंड

आरटीआई अधिनियम सच्चे लोकतंत्र के लिए अनिवार्य शर्त

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चमोली : जनपद चमोली में सूचना अधिकार अधिनियम और नियमावली पर दो दिवसीय जनपद स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला बुधवार को संपन्न हुई। प्रशिक्षण के दौरान अपीलीय अधिकारियों, लोक सूचना अधिकारी एवं सहायक लोक सूचना अधिकारियों को सूचना अधिकार अधिनियम-2005, नियमावली-2013 और आरटीआई के संबंध में न्यायालयों की ओर से समय-समय पर जारी आदेशों की केस सहित जानकारी दी गई। कार्यशाला में प्रशिक्षक जिला सेवायोजन अधिकारी मुकेश रयाल ने जानकारी देते हुए कहा कि आरटीआई अधिनियम महज एक अधिनियम नहीं बल्कि एक सच्चे लोकतंत्र के लिए अनिवार्य शर्त है। उन्होंने बताया कि यदि किसी विभाग में दूसरे विभाग से संबधित सूचना का अनुरोध किया जाता है, तो पांच दिन में संबधित विभाग को अनुरोध पत्र भेज दिया जाए। सूचना जिस स्थिति में धारित है, उसी प्ररूप में आवेदक को सूचना दी जाए। सूचना चाहने के लिए अतिरिक्त शुल्क की आवश्यकता होने पर आवेदक को सात दिनों के भीतर सूचित करें। किसी थर्ड पार्टी के बारे में और व्यक्तिगत सूचना मांगे जाने पर अधिनियम में उल्लेखित प्रक्रिया का अनुपालन किया जाए। कार्यशाला में आरटीआई अधिनियम-2005 और नियमावली के कार्यान्वयन में आने वाली कठिनाइयों और उसके संभावित समाधानों पर स्पष्टीकरण दिया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में एसीएमओ डॉ बीपी सिंह, जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी एसके रतूडी, जिला पर्यटन अधिकारी वृजेन्द्र पांडेय, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी विनय जोशी, मुख्य कृषि अधिकारी वीपी मौर्य, प्रभारी सूचना अधिकारी रवेन्द्र सिंह सहित विभिन्न विभागों के अपीलीय अधिकारी, लोक सूचना अधिकारी और सहायक लोक सूचना अधिकारी मौजूद थे। (एजेंसी)

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