सामुदायिक खेती कर आत्मनिर्भर बनेंगे किसान
पिथौरागढ़। सीमांत के काश्तकार अब सामुदायिक खेती कर आत्मनिर्भरता की तरफ कदम बढ़ाएंगे। एचएमएनईएच योजना के तहत काश्तकारों को सामुदायिक खेती का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। साथ ही उन्हें वैज्ञानिक विधि से सब्जी बीज तैयारी करने की जानकारी दी। ताकि कम समय में काश्तकार अधिक उत्पादन कर सकें। रविवार को कनालीछीना, रौड़ीपाली व रिण बिछुल में एचएमएनईएच योजना के प्रथम चरण के तहत कार्यक्रम हुए। इस दौरान कृषि विज्ञान केंद्र गैना के डॉ. दिनेश चौराशिया ने काश्तकारों को जानकारी दी। समन्वयक मनीष पंत ने कहा कि योजना के तहत सामुदायिक खेती को बढ़ावा देना है। कहा पहले चरण में कनालीछीना, मूनाकोट व डीडीहाट के 34 गांवों को इस योजना में शामिल किया गया है। जिसके तहत युवाओं को सामुदायिक खेती के लिए प्रेरित किया जाएगा। डायरेक्टर दीपिका चुफाल ने कहा प्रथम चरण की सफलता के बाद एचएमएनईएच योजना को जिले भर में लागू किया जाएगा। कम समय में अधिक उत्पादन कर काश्तकार अच्छी आमदनी प्राप्त कर सकेंगे।कहा स्थानीय स्तर पर ही रोजगार मिलने से पलायन भी रूकेगा। मौके पर समन्वयक मनीष पंत, होशियार सिंह, नरेन्द्र दिगारी, पाली, मिताड़ी, मोहन सिंह, प्रकाश चंद, नवीन राम, मनोज कुमार,रवींद्र चंद, चंचल राम, मीना देवी, सरस्वती रहे।