कोटद्वार-पौड़ी

सपना बनी पार्किंग, सड़क पर बेतरतीब खड़े वाहन

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शहर में पार्किंग व्यवस्था नहीं होने से बिगड़ रही यातायात व्यवस्था
शिकायत के बाद भी समस्या को लेकर गंभीरता नहीं दिखा रहा सिस्टम
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार: शहर में पार्किंग व्यवस्था के नाम पर सरकारी सिस्टम जनता को केवल झूठे सपने ही दिखा रहा है। जबकि हकीकत यह है कि आज तक धरातल पर पार्किंग के लिए कोई प्रयास ही नहीं किए गए। नतीजा, सड़कों पर बनी अवैध पार्किंग व वाहनों का लगातार बढ़ता दबाव यातायात व्यवस्था पर भारी पड़ रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ ही शहर की मुख्य सड़कों पर पूरे दिन जाम की स्थिति बनी रहती है। बावजूद इसके जिम्मेदार अधिकारी केवल मूकदर्शक बने हुए हैं। कोटद्वार को गढ़वाल का द्वार कहा जाता है। मैदान से पहाड़ को जोड़ने वाले इस शहर की सड़कों पर यातायात का अधिक दबाव रहता है। प्रतिदिन मैदान से सैकड़ों वाहन कोटद्वार से होते हुए गढ़वाल के लिए निकलते हैं। शहर का दुर्भाग्य है कि आज तक यहां पार्किंग की व्यवस्था नही बनाई गई। शहरवासियों के साथ ही बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटकों को सड़क पर ही अपने वाहन खड़े करने पड़ते हैं। बेतरतीब खड़े वाहनों के कारण शहर की यातायात व्यवस्था बेलगाम हो गई है। मंगलवार को भी शहर की सड़कों पर जाम की स्थिति बनी हुई थी। बदरीनाथ मार्ग, नजीबाबाद रोड व देवी रोड पर घंटों जाम लगा हुआ था। चौंकाने वाली यह है कि शहर में यातायात व्यवस्था सुधारने के दावे करने वाली पुलिस कहीं नजर नहीं आई।

अतिक्रमण भी बन रहा मुसीबत
शहर में यातायात व्यवस्था बिगड़ने का एक कारण सड़कों पर फैला अतिक्रमण भी है। स्टेशन रोड व देवी रोड में अधिकांश व्यापारियों ने अपनी दुकान सड़क तक सजा दी है। ऐसे में पैदल चलने के लिए फुटपाथ भी नहीं बच पाए हैं। वहीं, जगह-जगह सड़क पर घूम रही रेहड़ी-ठेली भी यातायात व्यवस्था बिगाड़ने कोई कसर नहीं छोड़ रही।

यह दिखाए जाते हैं सपने
स्थानीय जनता पार्किंग की समस्या को कई बार नगर निगम व पुलिस अधिकारियों के समक्ष रख चुकी है। पुलिस की ओर से हर बार इस संबंध में नगर निगम से वार्ता करने का आश्वासन दिया जाता है। जबकि, नगर निगम की ओर से पार्किंग के लिए नजीबाबाद रोड गाड़ीपड़ाव व मालवीय उद्यान के आसपास व्यवस्था बनाने की बात कही जाती है। लेकिन, धरातल पर सब शून्य है।

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