सरकार 500 करोड़ रूपये के छात्रवृत्ति घोटाले का जल्द करें खुलासा
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता शिशुपाल रावत ने प्रदेश सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए प्रदेश में हुए 500 करोड़ रुपये से ज्यादा की छात्रवृत्ति घोटाले का शीघ्र खुलासा करने की मांग की। उन्होंने कहा कि बिना सत्यापन के कॉलेजों के खातों में करोड़ों की छात्रवृत्ति जमा क्यों कराई गई। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 में प्रदेश सरकार के संज्ञान में जब ये मामला आया तो इसको लेकर एक कमेटी गठित की गई, लेकिन कमेटी ने यह कहकर मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की कि घोटाला हुआ ही नहीं, अब कोर्ट के सख्त होने के बाद वो कमेटी भी शक के दायरे में आ गई। महालेखाकार भारत सरकार निदेशक समाज कल्याण व अपर सचिव समाज कल्याण के नोटिंग के बावजूद हुई अनियमितता इस घोटाले के तार राज्य से बहार भी जुड़े होने की आशंका को बल दे रहे हैं।
प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए प्रदेश प्रवक्ता शिशुपाल सिंह रावत ने कहा कि पांच सौ करोड़ के घोटाले के मामले में मंगलवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुए, सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार से मामले में शपथपत्र न देने पर नाराजगी जताई। अब कोर्ट ने प्रदेश सरकार को 8 अक्टूबर तक का समय दिया है, अब कोर्ट के आदेश के बाद त्रिवेंद्र सरकार को कोर्ट में शपथ पत्र पेश करना है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने कॉलेजों के खातों में बिना सत्यापन के करोड़ों रुपये की छात्रवृत्ति जमा कराई, जबकि ज्यादातर कॉलेज नेताओं के सगे संबंधियों के ही है। 2017 में मामला कोर्ट में पहुंचने तक किसी ने भी इस लूट पर बात उठने व कमेटी बनने के बावजूद भी अंकुश लगाने का प्रयास नहीं किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के हजारों अनुसूचित जाति व जनजाति के छात्रों को केंद्र सरकार द्वारा छात्रवृत्ति दी जाती है, परन्तु समाज कल्याण विभाग द्वारा इस सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया है। हजारों छात्रों के मामले हरिद्वार व देहरादून जिले में सामने आने के बाद मोटे तौर पर इस घोटाले में लगभग पांच सौ करोड़ से अधिक के घोटाले की आशंका है। शिशुपाल रावत ने कहा कि छात्रवृत्ति का पैसा विद्यार्थियों को न देकर कालेजों को दिया गया या फिर उन लोगों को दिया गया है, जो उस स्कूल के छात्र ही नहीं थे, इससे यह साफ जाहिर होता है कि इस घोटाले के तार काफी ऊपर तक जुड़े हैं और बड़े स्तर पर ये घोटाला हुआ है। इस तरह के घोटाले पर त्रिवेंद्र सरकार का नर्म रुख यह दर्शाता है कि बच्चों के भविष्य से हुए खिलवाड़ से उनका कोई सरोकार नहीं है। त्रिवेंद्र सरकार ने जांच के नाम पर कमेटी गठित कर अपना काम पूरा कर दिया। सरकार इस मामले में गंभीर नजर नहीं आ रही है। उन्होंने सरकार से जल्द से जल्द ऐसे लोगों के चेहरे बेनकाब करने और घोटाले का खुलासा करने की मांग की है।