सरकार की सदबुद्धि को किया बुद्धि शुद्धि यज्ञ
-प्रदेश सरकार पर लगाया संस्कृत के प्रति उदासीनता का आरोप
ऋ षिकेश। उत्तराखंड संस्कृत विद्यालय प्रबंधकीय शिक्षक संघ ने प्रदेश सरकार पर संस्कृत के प्रति उदासीनता का आरोप लगाया है। उन्होंने हवन-यज्ञ व गंगा पूजन कर मुख्यमंत्री की सद्बुद्धि की कामना की। साथ ही आंदोलन की चेतावनी देते हुए सरकार को 10 दिन का अल्टीमेटम दिया है। उत्तराखंड संस्कृत विद्यालय प्रबन्धकीय शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने रविवार को त्रिवेणी घाट पर बुद्धि शुद्धि यज्ञ व गंगा पूजन किया। संघ सदस्यों ने हवन यज्ञ में आहूति डाली। संघ अध्यक्ष डा.जर्नादन कैरवान ने कहा कि उत्तराखंड सरकार संस्कृत के प्रति उदासीन रवैया अपनाए हुए है। उत्तराखंड में संस्कृत विद्यालयों में प्रबंधकीय व्यवस्थाओं पर शिक्षक कार्य कर रहे हैं, जहां शिक्षकों को बहुत ही कम मानदेय दिया जा रहा है। कहा कि संस्कृत शिक्षकों के मानदेय में वृद्धि की जाए। शिक्षकों को भविष्य एवं लंबी अवधि की सेवाओं को दृष्टिगत रखते हुए उत्तराखंड संस्कृत शिक्षा अधिनियम 2014 में आंशिक संशोधन करते हुए तत्समय की शैक्षिक योग्यता के आधार पर समायोजन का प्रावधान किया जाए। संघ ने चेतावनी दी कि यदि 10 दिन के भीतर उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो प्रदेशव्यापी आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। मौके पर संघ महामंत्री सुभाष डोभाल, मायाराम रतूड़ी, विनायक भट्ट, सुशील नौटियाल, आशीष जुयाल, जितेंद्र भट्ट, विजय जुगलान, नवीन भट्ट, विकास कोठारी, संदीप खुगशाल, रुपेश जोशी, प्रकाश बमोला आदि उपस्थित थे।