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सत्य और न्याय की जीत हुई कोर्ट के एतिहासिक फैसले का स्वागत :सीएम

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देहरादून। अयोध्या ढांचा विध्वंस मामले में लखनऊ में सीबीआई की विशेष अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया और सभी आरोपितो को बरी कर दिया। कोर्ट के इस फैसले पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, लखनऊ की विशेष अदालत के इस मामले में लिए गए एतिहासिक फैसले का स्वागत करता हूं। इससे सत्य और न्याय की जीत हुई है। साथ ही साफ हो गया है कि राम मंदिर आंदोलन एक लोकतांत्रिक तरीके से किया गया आंदोलन था। इसमें कोई षड़यंत्र नहीं था। 28 साल पुराने विवादित ढांचा विध्वंस मामले में अदालत ने भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी समेत 32 आरोपियों को बरी किया है। उत्तराखंड के सीएम और भाजपा ने इस फैसले का स्वागत किया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने कहा कि अंतत: सत्य की जीत हुई है। प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत भी श्री राम मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे। उन्होंने कहा कि 28 वर्ष तक मुकदमा चलने के बाद आया न्यायालय का यह निर्णय स्वागत योग्य है। हम शुरू से कहते थे और आज भी हमारा यही कहना है कि श्री राम मंदिर का विषय राजनीति का नहीं, बल्कि आस्था का विषय है। अन्य दल इस पर राजनीति करते रहे और इस मुकदने को लेकर हर चुनाव में भाजपा को आरोपित कहते रहे, लेकिन आज जो फैसला आया है उसने सारी बातों को साफ कर दिया है। हमारी हमेशा ही मान्यता रही कि यह स्थान भगवान राम की जन्म भूमि है। इस बारे में उच्चतम न्यायालय ने भी पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा पेश साक्ष्यों के आधार पर इस स्थान को श्री राम जन्म भूमि मानते हुए फैसला दिया था।
अब जन्म भूमि स्थान पर मंदिर निर्माण हो रहा है और दूसरी ओर आज के निर्णय ने भी साफ कर दिया है कि विवादित ढांचा किसी षड्यंत्र के तहत नहीं गिराया गया। अब न्यायालय के निर्णय से सभी वरिष्ठ नेताओं, जिन्हें षड्यंत्र का आरोपित बनाया गया था को न्यायालय ने बरी कर न्याय दिया है। आखिर सत्य की जीत हुई है।

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