उत्तराखंड

एसडीएम ने किया 22 पुल नहर का निरीक्षण, ग्रामीणों से मिले

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रुद्रपुर। अपने ही गृहक्षेत्र में सीएम पुष्कर सिंह धामी की हार के लिए स्वयं को जिम्मेदार मानते हुए पांच गांवों के ग्रामीणों ने प्रायश्चित्त का फैसला किया है। ग्रामीणों ने तय किया है कि पछतावे के तौर पर वह सांकेतिक सामूहिक जलसमाधि लेंगे। इसके लिए ग्रामीणों ने सात मई का कार्यक्रम प्रस्तावित कर सूचना एसडीएम रविंद्र सिंह बिष्ट को दी है। एसडीएम ने बुधवार को ग्रामीणों से मुलाकात की और उस जगह को भी देखा जहां पर ग्रामीणों ने दो घंटे तक जल समाधि लेने की घोषणा की है। बुधवार को खटीमा के मेलाघाट, बंधा, सिसैया, बगुलिया, खेलड़िया, सिसैया के ग्रामीण एसडीएम कार्यालय पहुंचे। एसडीएम से ग्रामीणों ने कहा कि वह सामाजिक और आर्थिक रूप से वंचित समुदाय के लोग हैं। आज भी उनके गांव विकास की मुख्य धारा से दूर हैं। ग्रामीणों का कहना था कि समय-समय पर मुख्यमंत्री धामी द्वारा उन्हें आश्वस्त किया गया था कि उनकी सभी समस्याओं का समाधान किया जाएगा। दुर्भाग्यवश विधानसभा क्षेत्र के आम निर्वाचन में झूठ, फरेब के आधार पर सीएम के खिलाफ नकारात्मक संदेश फैलाया गया। नतीजतन मतदाता बहकावे में आ गए और सीएम अपने ही घर से चुनाव जीत नहीं सके। इसीलिए अब वह जलसमाधि लेकर प्रायश्चित्त करेंगे। इसके बाद बुधवार को एसडीएम गांव में पहुंचे और यहां मास्टर रामायण राम, छोटे लाल राजभर, राजीव राव, रमई राम, मंगरू, सहदेव, उमा शंकर, रामबढ़ाई आदि से मिले और ग्रामीणों से पूछा कि वह ऐसा क्यों कर रहे हैं। ग्रामीणों ने कहा कि काफी आत्मचिंतन के बाद उन्हें यह अहसास हुआ कि मुख्यमंत्री धामी को उनके कारण पराजय का सामना करना पड़ा। जबकि सीएमवंचित समुदायों के लिए पूरे राज्य में काम कर रहे हैं। एसडीएम को ग्रामीणों ने 22 पुल की वह जगह दिखाई जहां जल समाधि होनी है। एसडीएम ने कहा कि ग्रामीणों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन पूरी तरह चिंतित है। उच्चाधिकारियों को इसकी जानकारी दी गई है। वह स्वयं भी इसपर लगातार नजर बनाए हुए हैं।

 

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