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चमोली में 15225 फीट की ऊंचाई पर हेमकुंड साहिब में बर्फबारी, पर्यटक खूबसूरत नजारा को देख हो रहे अभिभूत

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चमोली। उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी का नजारा रोमांचघ्ति कर रहा है। 15225 फीट की ऊंचाई पर स्थित हेमकुंड साहिब में बर्फबारी के चलते दो इंच तक बर्फ जम चुकी है। ऐसे में नजारा बेहद खुबसूरत लग रहा है। यहां आए यात्री और पर्यटक इस खूबसूरत नजारा को देख अभिभूत हो रहे हैं। दिन में हेमकुंड साहिब का मौसम बेहद सुहावना है। सुबह शाम पारा शून्य से नीचे लुढ़क रहा है।
पहाड़ियां पर बर्फ की सफेद चादर बिछ चुकी है। सुबह से ही सिख यात्रियों का आने का सिलसिला जारी है जो पवित्र सरोवर में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। 10 अक्टूबर को हेमकुंड साहिब के कपाट बंद हो रहे है। अभी तक दो लाख 18 हजार यात्री हेमकुंड सरोवर में आस्था की डुबकी लगाकर दरबार साहिब में मत्था टेक चुके हैं। हेमकुंड साहिब सिखों का पवित्र और ऊंचा तीर्थ स्थल माना जाता है।
गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग शनिवार को चार घंटे तक अवरुद्घ रहा। धरासू बैंड और बंदरकोट के पास भारी भूस्खलन हुआ है। बंदरकोट के भूस्खलन में सबसे अधिक खतरा बना हुआ है। यहां बडे स्तर के ट्रीटमेंट की जरूरत है। इस स्थान पर आलवेदर रोड का भी निर्माण किया गया था। परंतु भूस्खलन से रोड का बड़ा हिस्सा भी क्षतिग्रस्त हो गया है। यहां रुक-रुक कर पहाड़ी से पत्थर गिर रहे हैं, जिससे दुर्घटना की आशंका भी बनी है।
राजमार्ग पर शुक्रवार की देर रात को धरासू बैंड और बंदरकोट के पास भूस्खलन होने के कारण अवरुद्घ हुआ। सूचना पर बीआरओ व आलवेदर निर्माण कंपनी युद्घस्तर पर राजमार्ग को खोलने में जुटी। धरासू के पास सुबह आठ बजे बीआरओ की टीम ने राजमार्ग को सुचारू किया गया। जबकि बंदरकोट के पास राजमार्ग सुबह साढ़े नौ बजे सुचारू किया गया। करीब एक घंटे तक यातायात सुचारू चला। साढ़े दस बजे बंदरकोट के पास भूस्खलन शुरू हुआ। इस दौरान आवाजाही कर रहे वाहन चालकों और सवारियों की जान बाल-बाल बची। पहाड़ी से लगातार होते भूस्खलन के कारण राजमार्ग को सुचारू करने का कार्य भी रोकना पड़ा। इस दौरान दोनों ओर से वाहनों की लंबी कतार भी लगी गई है। दोपहर साढ़े ग्यारह बजे राजमार्ग सुचारू हुआ।

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