जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : राजकीय महाविद्यालय वेदीखाल में पर्यावरण संरक्षण में महिलाओं की भूमिका विषय पर कार्यशाला आयोजित की गई। इस दौरान वक्ताओं ने पर्यावरण संरक्षण में आमजन के एकजुट होने को महत्व दिया।
आयोजित कार्यशाला में पर्यावरणविद्द ललिता प्रसाद ममगाईं ने प्लास्टिक के दुष्परिणामों के बारे में बताया। प्लास्टिक से पर्यावरण को सबसे अधिक नुकसान पहुंचता है। प्लास्टिक की बोतलों को हम ईंट के रूप में प्रयोग कर सकते हैं, जिससे इसका पर्यावरण पर कोई असर नहीं होगा। मुख्य अतिथि सुयश रावत ने कहा कि गर्मी बढ़ने के साथ ही जंगलों में आग लगने लगती है। जंगलों को आग से बचाने के लिए हमें गंभीरता से कार्य करना होगा। इसमें महिलाएं सबसे बड़ी भूमिका निभा सकती हैं। कार्यक्रम संयोजक सुशल भदोला ने पर्यावरण के महत्व के बारे में बताया। प्रधानाचार्य वंदना तिवारी ने खेतों में रासायनिक उर्वरकों के बजाय जैविक खादों का प्रयोग करने के लिए कहा। इस दौरान विद्यार्थियों ने गढ़वाली, कुमाऊंनी गीतों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए। इस मौके पर डा. एचसी पुरोहित, विजेंद्र ध्यानी आदि मौजूद रहे। कार्यशाला का संचालन डा. राजपाल सिंह चौहान ने किया।