उत्तराखंड

शहीद सैनिकों के परिजनों को सम्मानित करेगी राज्य सरकार

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रुद्रप्रयाग। भारतीय सेना में सेवा के दौरान शहीद सैनिकों के परिजनों को राज्य सरकार सम्मानित करेगी। जिले में आगामी 11 व 16 नवंबर को शहीद सैनिकों के परिजनों को प्रदेश सरकार ताम्रपत्र के साथ प्रशस्ति पत्र भेंट कर सम्मानित करेगी। विकास भवन में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि उत्तराखंड सैनिक बाहुल्य गांवों का प्रदेश है। यहां प्रत्येक पांचवे परिवार से एक व्यक्ति भारतीय सेना से जुड़ा है। उत्तराखंड सैनिकों का गौरवशाली इतिहास रहा है। यहां की सैनिक पृष्ठभूमि को देखते हुए ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड को पांचवां धाम के रूप में सैन्य धाम बताया है। कहा कि केंद्र व राज्य सरकार सैनिकों व उनके हितों के प्रति गंभीर है। वन रैंक, वन पेंशन सहित अन्य कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं। बताया कि सैनिकों को सचिवालय में कार्य के लिए पास बनाने की बाध्यता खत्म कर दी गई है। कहा कि शहीदों के सम्मान के लिए शहीद सम्मान यात्रा का आयोजन किया जा रहा है, जो 20 अक्तूबर से शुरू होगी। इस यात्रा के दौरान प्रदेश के शहीद 1700 शहीद सैनिकों के परिजनों को सम्मानित किया जाएगा। बैठक में जिला सहायक सैनिक कल्याण अधिकारी सूबेदार (सेवानिवृत्त) अनुसूया सिंह बिष्ट ने बताया कि जिले में लगभग आठ हजार सैनिक वर्तमान में सेना में कार्यरत हैं। देश की सीमा की रक्षा करते हुए जनपद के 52 वीर सैनिक शहीद हुए हैं। जिलाधिकारी मनुज गोयल ने बताया कि आगामी 11 व 16 नवंबर को जिले के वीर शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया जाएगा। इस मौके पर पूर्व राज्य मंत्री ज्योति प्रसाद गैरोला, जिपं अध्यक्ष अमरदेई शाह, जिलाध्यक्ष दिनेश उनियाल, सभासद सुरेंद्र सिंह रावत, पूर्व सैनिक राय सिंह रावत, शेर सिंह कंडारी, हरी सिंह, सीडीओ नरेश कुमार, सीओ गणेश कोहली, एचसी हटवाल सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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