उत्तराखंड

फीस जमा नहीं कराने पर स्टाइपेंड रोका

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देहरादून। आयुर्वेद विवि के गुरुकुल परिसर हरिद्वार में छात्रों के स्टाइपेंड जारी करने पर तब तक रोक लगा दी है, जब तक वह फीस जमा नहीं करेंगे। 31 अगस्त तक उन्हें फीस जमा करने को कहा गया है, इसके लिए गुरुकुल परिसर निदेशक की ओर से आदेश जारी किया गया है। वहीं मुख्य परिसर हर्रावाला में भी एक आदेश ऐसा ही किया गया है। इससे सैकड़ों छात्रों में आक्रोश है। उनका कहना है कि छह हजार रुपये फीस बढ़ा दी है, जो मनमानी है। इसकी शिकायत अफसरों से की है, इसे वापस न लेने पर आंदोलन किया जाएगा। गुरुकुल परिसर निदेशक ने स्टेट कोटे वाले छात्रों को 269000 और अल इंडिया कोटे वालों को 593000 रुपये में से बकाया जमा कराने के लिए कहा गया है। वहीं छात्रों का कहना है कि उन्होंने विवि में तय शुल्क 263000 रुपये जमा करा दिया था। उसके बाद उन्हें इंटर्नशिप के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र भी जारी हो गया था। लेकिन अब इस तरह फीस बढ़ाना और स्टाइपेंड रोका जाना गलत है।
मुख्य परिसर निदेशक की ओर से भी बैच 2016 के इंटर्न छात्रों एवं बैच 17, 18, 19, 20, 21 बैच के छात्रों को अगस्त माह के प्रथम सप्ताह तक बकाया शुल्क जमा कराने के लिए कहा गया है। इसमें भी छह हजार रुपये ज्यादा शुल्क बढ़ा दिया गया है। उधर,ाषिकुल परिसर में भी आदेश एवं छात्रों के गुस्से के बाद संशोधन की बात सामने आई हैं।
छह माह का 7500, छह का 17500 मिलेगा
आयुर्वेद विवि के तीनों परिसरों के पास आउट छात्रों को छह महीने परिसर एवं छह महीने एलोपैथिक अस्पताल में इंटर्नशिप करनी होती है। उन्हें छह माह का स्टाइपेंड 7500 रुपये और छह माह का 17500 रुपये प्रति माह के हिसाब से मिलेगा। शासनादेश देरी से हाने की वजह से ऐसा हुआ है।
मुझसे छात्र मिले थे। परिसरों में किए गए आदेशों का अध्ययन किया जा रहा है। यदि कोई संशय होगा तो उन्हें संशोधित करा दिया जाएगा। स्टाइपेंड किसी का नहीं रोका जाएगा। अपने स्तर पर शुल्क कोई नहीं बढ़ा सकता है, उसके लिए पूरी समिति बनी है।
– डा। राजेश अदाना, कुलसचिव आयुर्वेद विवि

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