नालंदा में भी शोभायात्रा पर पथराव-आगजनी, फायरिंग में सात घायल, उपद्रवियों ने दुकानें फूंकीं
बिहारशरीफ, एजेंसी। बिहार के सासाराम में हिंसा के बाद नालंदा में भी शोभायात्रा पर पथराव किए जाने की घटना सामने आई है।
रामनवमी के दूसरे दिन बजरंग दल व विश्व हिन्दू परिषद द्वारा आयोजित शोभायात्रा पर कुछ असामाजिक तत्वों ने पथराव किया। इसके बाद कई राउंड फायरिंग हुई। इसमें सात लोग गोली लगने से घायल हो गए हैं।
एक यात्री बस सहित दर्जन भर छोटे-बड़े वाहन के अलावा तकरीबन आधा दर्जन दुकानों में उपद्रवियों ने आग लगा दी और तोड़फोड़ की।
इसके बाद से पूरे इलाके में तनाव का माहौल पैदा हो गया। घटना की गंभीरता को देखते हुए पूरे इलाके में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
जानकारी के अनुसार, लहेरी थाना क्षेत्र के गगन दीवान मोहल्ले के समीप कुछ असामाजिक तत्वों ने अचानक शोभायात्रा पर पथराव कर दिया। जिसके बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई।
इसके बाद भरावपर स्थित एशिया होटल के समीप भी बदमाशों ने जमकर उपद्रव किया। कई जगहों पर तोड़फोड़ की सूचना मिल रही है। पूरे शहर में अफवाह का माहौल है।
डीएम शशांक शुभंकर व एसपी अशोक मिश्रा मौके पर कैंप कर रहे हैं। घटना की सूचना आग की तरह पूरे शहर में फैल गई। फिलहाल माहौल नियंत्रण से बाहर है।
फायरिंग में घायल होने वालों में नवी नगर निवासी निशांत कुमार, मंसूर नगर निवासी करण कुमार, शेरपुर बाजार निवासी छोटे नारायण, मंसूर नगर निवासी आकाश कुमार, अस्थावां निवासी कुंदन कुमार, महल पर निवासी गोलू कुमार व बेलछी निवासी पीयूष कुमार शामिल है।
पीयूष कुमार को बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर किया गया है और भी लोगों के घायल होने की सूचना मिल रही है। डीएम शशांक शुभंकर ने कहा कि माहौल को नियंत्रित किया जा रहा है। पूरे इलाके को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है। उपद्रवियों पर लगातार नियंत्रण रखा जा रहा है।
शोभायात्रा पर अचानक शरारती तत्वों का हमला करना प्रशासनिक व्यवस्था की चूक मानी जा रही है। आज की घटना से प्रतीत होता है कि यह पूर्व से उपद्रवियों की सुनियोजित साजिश थी।
अतिसंवेदनशील माने जाने वाले विभिन्न जगहों पर दंडाधिकारी के साथ पुलिस बल की तैनाती तो थी पर पर्याप्त मात्रा में पुलिस बल नहीं था। इस कारण उपद्रवियों ने इसका पूरा फायदा उठाया।
घटना के बाद प्रशासन पूरी तरह से चेता और शहर के तमाम अतिसंवेदनशील माने जाने वाले इलाके में पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है। हालांकि, अभी स्थिति काफी गंभीर बनी हुई है। प्रशासन के वरीय अधिकारी इसे नियंत्रण में करने में लगे हैं। उपद्रवियों के हंगामे के बाद शहरी क्षेत्र का माहौल अचानक गर्म हो गया। भय के मारे शहर की तमाम दुकानों का शटर बंद कर लोग घरों की ओर कूच कर गए। फिलहाल डीएम व एसपी के अलावा तमाम पुलिस पदाधिकारी स्थिति को नियंत्रित करने में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। शहर के चप्पे-चप्पे पर पुलिस फोर्स की तैनाती कर दी गई है। गुरुवार की शाम काशी तकिया में उपद्रवियों की ओर से ताबड़तोड़ हुई फायरिंग व रोड़ेबाजी के बाद भी प्रशासन की निद्रा नहीं टूटी।
इस मामले को प्रशासन ने हल्के में लिया। अगर प्रशासन पूर्व की घटना से सबक लेकर सर्तक हो जाता तो इस तरह की घटना नहीं होती। डीएम शशांक शुभंकर व एसपी अशोक मिश्रा ने शहर की जनता से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है। डीएम ने कहा कि अफवाहों पर ध्यान नहीं दे। फिलहाल धारा 144 लगा दी गई है। इस घटना के पीछे जो लोग भी हैं, उन्हें चिह्नित किया जा रहा है। ऐसे उपद्रवियों पर प्रशासन सख्ती से कार्रवाई करेगा।