राकेश टिकैत का बड़ा फैसला, दिल्ली बार्डर की तरह करनाल में एक और पड़ाव
करनाल,एजेंसी। करनाल में किसान नेताओं की मांग को खारिज कर दिया गया। करीब तीन घंटे तक चली बातचीत के दौरान प्रशासन ने मांग मानने से इन्घ्कार कर दिया। इसके बाद किसान नेताओं ने प्रेसवार्ता की। प्रेसवार्ता के दौरान किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि सरकार की मंशा पहले से ही स्घ्पष्घ्ट थी। राकेश टिकैत ने कहा, अब यहां पर दूसरे प्रदेशों से भी किसान आएंगे।
वहीं डीसी निशांत कुमार यादव ने किसान नेताओं की मांग पर कहा कि किसान नेता बिना जांच के कार्रवाई चाहते हैं। ऐसा कैसे हो सकता है। चाहे अधिकारी, कर्मचारी या आम आदमी हो, बिना जांच के कार्रवाई नहीं कर सकते हैं।
जिला प्रशासन के साथ किसानों की हुई वार्ता दूसरे दिन भी विफल रही। किसान नेताओं ने एलान किया कि लघु सचिवालय के सामने धरना जारी रहेगा। दो दौर की वार्ता में सहमति नहीं बनी। पहले डीसी व एसपी ने ली बैठक, उसके बाद कमिश्नर को बुलाया गया। लेकिन किसानों के साथ मांगों को लेकर सहमति नहीं बन पाई।
वहीं प्रेसवार्ता करके राकेश टिकैत ने कहा कि करनाल में अब अनिश्चितकालीन पड़ाव डाला जाएगा। पत्रकारों से बातचीत करते हुए राकेश टिकैत ने कहा, यहां का प्रशासन अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई को तैयार नहीं हैं। चंडीगढ़ से बार बार आदेश आ रहे हैं। जब तक कार्रवाई नहीं होती तब तक यहां से नहीं हिलेंगे। एक पक्का मोर्चा यही लगाएंगे। यूपी पंजाब से आते रहेंगे लोग।
किसानों की ओर से राकेश टिकैत, कामरेड इंद्रजीत अजय राणा, योगेंद्र यादव, गुरनाम सिंह चढ़ूनी सहित कई किसान नेता बैठक में मौजूद थे। किसान नेताओं की मांग है कि तत्कालीन एसडीएम आयुष सिन्हा को बर्खास्त कर उन पर जांच चलाई जाए।
जाट भवन में किसान नेताओं ने मंथन किया। इसके बाद प्रेस से बातचीत की। किसान नेता राकेश टिकैत ने बताया कि प्रशासन ने दो बजे बातचीत के लिए बुलाया है। प्रशासन की बात सुनेंगे। आखिर प्रशासन किसानों की बात पर मानती है या नहीं। अब एक नई परंपरा का आगाज होगा। अब अधिकारी आकर फैसला खुद सुनाएंगे। जो भी बातचीत होगी, उसकी जानकारी अधिकारी देंगे।
करनाल के जिला सचिवालय के बाहर आंदोलनकारी डटे हैं। किसानों के तेवर जस के तस हैं। उन्होंने रात यहीं खुले में बिताने के बाद सुबह ही टेंट लगाने शुरू कर दिए। दिन में धूप से बचाव के लिए टैंट की व्घ्यवस्घ्था की जा रही है। सुबह के नाश्घ्ते और लंगर की व्यवस्था भी की गई। करनाल के जाट भवन के पास आखिरकार किसानों के विरोध को देखते हुए पुलिस ने बैरिकेड्स हटा दिए। अब यह रास्ता खोल दिया गया।
लघु सचिवालय में लगातार आंदोलनकारियों की संख्घ्या कम होती जा रही है। मंगलवार को जहां तीन से चार हजार आंदोलनकारी पहुंचे थे। वहीं, सुबह महज तीन से चार सौ आंदोलनकारी बचे। ऐसे में सेक्टर 12 में धरना स्थल पर किसान नेता आह्वान कर रहे हैं कि अपने अपने गांव से अधिक से अधिक संख्या में किसानों को बुलाया जाए। जबकि लघु सचिवालय के मुख्य गेट को किसान खोलने की इजाजत नहीं दे रहे हैं। इसके चलते सचिवालय के गेट नंबर 3 से ही अधिकारी आ जा रहे हैं। सचिवालय में इस समय उपायुक्त निशांत यादव व एसपी गंगाराम पूनिया सहित कई अधिकारी अपने कार्यालय में है। दूसरी ओर धरना स्थल की साफ-सफाई और अस्थाई शौचालयों का प्रबंध नगर निगम की ओर से करवाया गया है।