उत्तराखंड

डिग्री कलेज में विद्यार्थियों ने अचार-नमकीन बनाना सीखा

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पिथौरागढ़। नारायणनगर महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए उद्यमिता विकास कार्यक्रम जारी है। कार्यक्रम के तहत छात्र-छात्राओं ने स्थानीय उत्पादों से अचार, नमकीन, जूस आदि बनाना व उन्हें संरक्षित करना सीखा।देवभूमि उद्यमिता योजना के तहत संचालित कार्यक्रम के आठवें दिन छात्र-छात्राओं को डीडीहाट स्थित बसुंधरा फल संरक्षण और गृह उद्योग का भ्रमण कराया गया। इस दौरान दीपा नितवाल ने छात्र-छात्राओं को आम, मिर्च, कोइराल, लहसुन आदि की प्रोसेसिंग के बारे में बताया। साथ ही बुरांश, माल्टा, संतरा आदि से जूस बनाने की विधि के बारें में भी जानकारी दी। बाद में छात्र-छात्राएं ओगला स्थित कुंदन स्वीट्स व नमकीन पहुंचा। यहां कुंदन ने उन्हें मिठाई बनाने की विधि बताई। देवभूमि उद्यमिता योजना के नोडल अधिकारी टीका सिंह ने कहा कि बुरांश (रोडोडेंड्रोन आर्बोरियम) उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में पाया जाने वाला एक सदाबहार और औषधीय गुणों से भरपूर वृक्ष है। बुरांश के फूलों के रस में विभिन्न पादप रसायन व एंटीअक्सीडेंट होते हैं, जो हृदय विकारों और कार्डियक स्ट्रोक के जोखिम को कम करता है। साथ ही यह यह एनीमिया (रक्तलपता) को दूर करने में सहायक है। उन्होंने कहा कि बुरांश के जूस का वृहद मात्रा में उत्पादन कर एक बेहतर व्यवसाय प्रारंभ किया जा सकता है। यहां सुजल ऐरी, नवल किशोर, अनीता, निशा पाल, काजल, काजल धामी, ममता, अंकित, राजन, पंकज कार्की, ड़ दिनेश कुमार, लक्ष्मी,राजेंद्र कन्याल, सुरेन्द्र मेहता मौजूद रहे।

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