ताल ग्राम पंचायत में प्रधान पद के चयन पर विवाद, ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से की शिकायत
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी। विकास खंड पाबौ के ग्राम पंचायत ताल में ग्राम प्रधान के चयन को लेकर विवाद हो गया है। ब्लाक प्रमुख पाबौ के नेतृत्व में ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से प्रधान पद पर चयन को लेकर जारी हुए जिला पंचायतराज अधिकारी के आदेश को तत्काल निरस्त किए जाने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि प्रधान के आकस्मिक निधन के बाद जिला पंचायत राज अधिकारी ने मनमाने ढंग से प्रधान पद पर वार्ड सदस्य का चयन किया है। ग्रामीणों ने मामले में जल्द ठोस कार्रवाई नहीं किए जाने पर आंदोलन व न्यायालय की शरण में जाने की चेतावनी दी है। वहीं जिलाधिकारी ने ग्रामीणों को मामले में एक सप्ताह के भीतर कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
सोमवार को ब्लाक प्रमुख पाबौ डॉ. रजनी रावत के नेतृत्व में ग्राम पंचायत ताल के ग्रामीणों ने मुख्यालय पौड़ी पहुंच जिलाधिकारी विजय कुमार जोगदंडे से मुलाकात की। ब्लाक प्रमुख डॉ. रावत ने बताया कि ग्राम पंचायत ताल में 12 फरवरी 2020 को ग्राम प्रधान अरविंद गुसांई का आकस्मिक निधन हो गया था। जिसके बाद से पंचायत में प्रधान पद रिक्त चल रहा था। लेकिन इस बीच एक वर्ष का समय बीत जाने के बावजूद प्रधान पद पर निर्वाचन नहीं हुआ। बावजूद इसके जिला पंचायत राज अधिकारी ने मानको के विपरीत एक वार्ड सदस्य को प्रधान नामित कर दिया है। जिसके बाद से ग्रामीणों में खासा आक्रोश है। उन्होंने बताया कि नियमानुसार प्रधान के निधन पर उपप्रधान को दायित्व सौंपा जाता है, लेकिन ताल में उपप्रधान का पद भी रिक्त चल रहा है। ऐसे में ग्राम पंचायत की बैठक आयोजित कर वार्ड सदस्यों से रायशुमारी की जाती है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जिला पंचायतराज अधिकारी ने नियम विरुद्ध पंचायत की बैठक के बिना ही एक वार्ड सदस्य को प्रधान नियुक्त कर दिया है। साथ ही खंड विकास अधिकारी को उन्हें शपथ दिलाए जाने के निर्देश भी दिए हैं। ग्रामीणों ने कहा कि विभागीय अधिकारी के मनमाने आदेश को जल्द निरस्त नहीं किया गया, तो आंदोलन किए जाने के साथ ही न्यायालय की शरण भी ली जाएगी। अधिवक्ता अशोक बिष्ट ने कहा कि जिस पंचायतराज अधिनियम की बात अधिकारी कर रहे हैं, उसको लेकर कहीं भी अधिनियम में स्पष्ट नहीं किया गया। जिला पंचायत राज अधिकारी ने बताया कि ताल में पंचायतराज अधिनियम के तहत प्रधान पद पर नियुक्ति की गई है। कुछ लोग चयन को लेकर राजनीति कर रहे हैं। वहीं जिलाधिकारी विजय कुमार जोगदंडे ने ग्रामीणों को मामले में एक सप्ताह के भीतर कार्रवाई का आश्वासन दिया। इस अवसर पर पूर्व प्रदेश सचिव कांग्रेस मनोज रावत, सामाजिक कार्यकर्ता अमित रावत, मनवर सिंह, बीरबल सिंह, रजनी गुसांई सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल रहे।