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तीनों आईपीएस अधिकारियों को दिल्ली भेजने से तृणमूल कांग्रेस का इनकार, केंद्र को दो टूक, हम राष्ट्रपति शासन से नहीं डरते

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कोलकाता , एजेंसी। तृणमूल कांग्रेस ने गुरुवार को कहा कि बंगाल सरकार केंद्र के आदेश पर भारतीय पुलिस सेवा के तीन अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनुयक्ति पर नहीं भेजेगी। तृणमूल ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने के मुद्दे पर कहा कि पार्टी इससे डरती नहीं है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और ग्रामीण विकास मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस संबंध में केंद्र का आदेश असंवैधानिक है और स्वीकार करने लायक नहीं है। उन्होंने कहा, हम उन्हें प्रतिनियुक्ति पर नहीं भेजेंगे। ज्यादा से ज्यादा यही होगा कि केंद्र सरकार राष्ट्रपति शासन लगा देगी। हम इसका स्वागत करते हैं। यदि केंद्र के पास यह करने की शक्ति है तो वह ऐसा कर सकती है।
उल्लेखनीय है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर 10 दिसंबर को हुए हमले के बाद बंगाल कैडर के तीन आइपीएस अधिकारियों को केंद्र सरकार ने प्रतिनियुक्ति पर भेज दिया है। इनमें राजीव मिश्रा (एडीजी, दक्षिण बंगाल) को आइटीबीपी, प्रवीण त्रिपाठी (डीआइजी, प्रेसिडेंसी रेंज) को सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) तथा भोलानाथ पांडेय (एसपी, डायमंड हार्बर) काकेंद्रीय गृह मंत्रालय ने गुरुवार को बंगाल सरकार को पत्र भेजकर तीनों अधिकारियों को तत्काल कार्यमुक्त कर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर सेवा देने के लिए रिलीव करने कहा है। वहीं, तीनों अधिकारियों को भी केंद्र की ओर से जल्द से जल्द अपनी नई ड्यूटी ज्वाइन करने के लिए कहा गया है।
वहीं, केंद्र के इस कदम पर तृणमूल सरकार में मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने कहा, यह असंवैधानिक हैं और इसे स्वीकार नहीं किया जाएगा। हम केंद्र के हस्तक्षेप को अनुमति नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार आइपीएस कैडर नियमावली 1954 के कुछ प्रावधानों का गलत इस्तेमाल कर देश के संघीय ढांचे को बर्बाद करने का प्रयास कर रही है।

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