बांबे हाई कोर्ट ने रद किया अनिल देशमुख को न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश
मुंबई, एजेंसी। बांबे हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को न्यायिक हिरासत में भेजने का विशेष अदालत का आदेश रविवार को रद कर दिया और उन्हें मनी लांड्रिंग मामले में 12 नवंबर तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया। ईडी ने अपने आवेदन में कहा कि विशेष अदालत ने देशमुख को न्यायिक हिरासत में भेजकर मामले की जांच के लिए एजेंसी को पर्याप्त अवसर देने से इन्कार कर दिया है। ईडी ने कहा कि उसे देशमुख से पूछताछ के लिए सिर्फ पांच दिन का समय मिला, जिसमें दो दिन टुट्टियों में चला गया। हाई कोर्ट ने देशमुख को एजेंसी की हिरासत में भेजने का आदेश देते हुए कहा कि पहली नजर में विशेष अदालत के फैसले की वैधता को लेकर उसके आवेदन में तथ्य नजर आता है।
जस्टिस माधव जामदार की अवकाशकालीन पीठ ने विशेष अदालत के छह नवंबर के फैसले को चुनौती देने वाली ईडी की याचिका पर सुनवाई की। ईडी की ओर से हाई कोर्ट में पेश अतिरिक्त सालिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि अब तक की जांच के आधार पर कहा जा सकता है कि देशमुख को हिरासत में लेकर पूछताछ करना समय की जरूरत है। दूसरी तरफ, देशमुख के वकीलों-विक्रम चौधरी और अनिकेत निकम ने अदालत में कहा कि वे याचिका के गुण-दोष के आधार पर इसका विरोध कर रहे हैं। राकांपा नेता ने पूछताछ के लिए सहमति दी है और वे इसके लिए खुद पेश हुए हैं।
ईडी ने करोड़ों रुपये के मनी लांड्रिंग मामले में 12 घंटे तक चली पूछताछ के बाद एक नवंबर को देशमुख को गिरफ्तार कर लिया था। उन्हें दो नवंबर को अदालत में पेश किया गया, जहां उन्हें छह नवंबर तक ईडी की रिमांड पर भेज दिया गया था। जब उन्हें शनिवार को विशेष अदालत के समक्ष पेश किया गया था तो ईडी ने हिरासत अवधि बढ़ाए जाने का अनुरोध किया। लेकिन अदालत ने इससे इन्कार कर दिया और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया। ईडी ने भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग के आरोपों पर 21 अप्रैल को राकांपा नेता के खिलाफ सीबीआइ द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी के बाद देशमुख और उनके साथियों के खिलाफ जांच शुरू की थी। ईडी ने पहले देशमुख के निजी सचिव के तौर पर काम कर रहे संजीव पलांदे और देशमुख के निजी सहायक कुंदन शिंदे को गिरफ्तार किया था। एजेंसी इन दोनों के खिलाफ विशेष अदालत में अभियोजन शिकायत प्रस्तुत कर चुकी है।