कोटद्वार के अमित की भूमि पर प्रभावशाली लोगों का कब्जा, पीड़ित का परिवार ने न्याय के लिये तहसील में दिया धरना
पुलिस पर लगाया कार्यवाही न करने का आरोप
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। नगर निगम के पदमपुर मोटढांक निवासी व्यक्ति ने कोटद्वार के प्रभावशाली लोगों पर उनकी भूमि पर अवैध निर्माण करने का आरोप लगाया। पीड़ित ने परिवार सहित तहसील में धरना देकर प्रशासन से अवैध निर्माण करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने की मांग की है। पीड़ित ने आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले कई दिनों से वह कोतवाली के चक्कर काट रहा है, लेकिन उसकी बात नहीं सुनी जा रही है। 1 जुलाई को प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने के बावजूद भी अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है।
मंगलवार को पदमपुर मोटाढांक निवासी अमित रावत, श्रेयस रावत, समीक्षा रावत, सोनिया रावत, प्रदीप रावत, महेश्वरी देवी ने तहसील परिसर में धरना देकर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। अमित रावत ने बताया कि उनकी भूमि पर कोटद्वार नगर निगम क्षेत्र के कुछ प्रभावशाली व्यक्ति जबरदस्ती उनकी भूमि पर जेसीबी मशीन चला रहे है और अवैध निर्माण करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन लोगों के विरूद्ध रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए वह 17 जून से कोतवाली के चक्कर काट रहे थे, बार-बार चक्कर काटने के बाद 1 जुलाई 2021 को कोतवाली पुलिस ने उनकी रिपोर्ट का संज्ञान लिया। पुलिस ने बताया कि वह घर जाये पुलिस आ रही है, लेकिन कोई भी पुलिस कर्मी मौके पर नहीं आया। अभी भी उनकी भूमि पर अवैध निर्माण किया जा रहा है, लेकिन पुलिस और प्रशासन कोई देखने को तैयार नहीं है। उन्होंने प्रशासन से इन लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही करने की मांग की है। अमित रावत ने बताया कि इस भूमि का मामला गढ़वाल कमिश्नरी में चल रहा है। महेश्वरी देवी पत्नी स्व. महेंद्र सिंह रावत ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि 17 जून से कुछ प्रभावशाली लोग उनकी भूमि पर जबरदस्ती जेसीबी मशीन चला रहे है। निर्माण कार्य के लिए ईंट, रेज, बजरी एकत्रित की जा रही है। जब उनके पुत्र द्वारा उन्हें जबरदस्ती जमीन में घुसने से रोका गया तो उन्होंने उसके साथ गाली-गलौच करने के साथ ही मारपीट की कोशिश की। उन्होंने आरोप लगाया कि यह लोग लगातार उन्हें धमकी दे रहे है। जिससे मेरे व मेरे परिवार को जानमाल का खतरा है।
उपजिलाधिकारी योगेश मेहरा का कहना है कि मोटाढांक क्षेत्र में अवैध रूप से जमीन पर कब्जा करने का प्रार्थना पत्र दिया गया। इसकी जांच तहसीलदार कोटद्वार को सौंपी गई है। मौका मुआयना हो चुका है। जांच रिपोर्ट दो-तीन दिन में आ जाएगी। यदि इसमें पाया जाता है कि अनाधिकृत तरीके से भूमि पर कब्जा किया गया है तो नियमानुसार कानूनी कार्यवाही की जाएगी।