सरकार ने लोकसभा में कहा- बाढ़ प्रबंधन राज्यों की जिम्मेदारी, छक्त्थ् से दी जाती है अतिरिक्घ्त मदद
नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्र सरकार ने लोकसभा में बताया कि कटाव नियंत्रण समेत बाढ़ प्रबंधन करने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। केंद्र सरकार बेहद संकटग्रस्त क्षेत्रों में मदद करने के लिए तकनीकी सहायता और वित्तीय सहायता मुहैया कराती है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने गुरुवार को प्रश्नकाल में बताया कि स्थापित व्यवस्था के तहत गंभीर प्रातिक आपदा के मामलों में राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) का जिम्मा राज्य सरकार के पास है और अतिरिक्त वित्तीय सहायता राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) से दी जाती है।
उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रबंधन और कटाव रोधी योजनाएं राज्य के दायरे में आती हैं। यह किसी भी राज्य के लिए वरीयता वाले मुद्दे हैं। उन्होंने बताया कि अधिसूचित प्रातिक आपदाओं के तहत प्रभावित लोगों के नुकसान की भरपाई के लिए राहत विस्तृत दिशा-निर्देशों के तहत एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की ओर से दी जाती हैं।
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने 11वीं व 12वीं बाढ़ प्रबंधन कार्यक्रम के तहत बाढ़ प्रबंधन के ढांचागत मानकों दुरुस्त करते हुए नदी प्रबंधन, बाढ़ नियंत्रण, कटान रोधी जल निकासी विकास कार्यो में भी राज्यों को सहायता देने शुरू किया है। इस योजना के लागू होने से अब तक केंद्र शासित प्रदेशों और राज्यों को 6,686़79 करोड़ रुपये की सहायता राशि देनी होती है। केंद्र ने अब तक इस दिशा में 415 परियोजनाओं को पूरा किया है।
इस बीच तेलंगाना सरकार ने केंद्र से बाढ़ राहत के लिए तत्काल सहायता के रूप में 1,000 करोड़ रुपये प्रदान करने का अनुरोध किया है। राज्य सरकार ने बारिश और बाढ़ से राज्य को हुए नुकसान की रिपोर्ट केंद्र को भेजी है। शुरुआती अनुमानों के मुताबिक, विभिन्न विभागों को करीब 1,400 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। केंद्र सरकार से तत्काल सहायता के रूप में 1,000 करोड़ रुपये प्रदान करने का आग्रह किया गया है।