कोटद्वार-पौड़ी

हाथ धोने की आदत बचपन में ही सिखाऐ: डॉ. गौरव संजय

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-विश्व हाथ स्वच्छता दिवस के अवसर पर बेबीनार का आयोजन
जयन्त प्रतिनिधि।
देहरादून।
विश्व हाथ स्वच्छता दिवस प्रतिवर्ष 5 मई को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा मनाया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हर वर्ष दुनिया भर में लाखों मरीज संक्रमणों से प्रभावित होते है। जिनमें से आधे से ज्यादा संक्रमण को हाथों को अच्छी तरह धोने से रोका जा सकता है। विश्व हाथ स्वच्छता दिवस 2021 का अभियान है। आपके कुछ क्षण, जान बचा सकते हैं, अपने हाथों को साफ करें। इस अवसर पर संजय आर्थोपीडिक, स्पाइन एवं मैटरनिटी सेंटर, जाखन देहरादून के पद्म श्री से सम्मानित डॉ. बी. के. एस. संजय एवं इंडिया बुक रिकार्ड होल्डर डॉ. गौरव संजय द्वारा बेबीनार के माध्यम से साफ हाथ धोने के महत्व का आयोजन किया। जिसमें सही ढ़ंग से हाथ धोने की विधि बताई।
डॉ. संजय ने बताया कि, हमारी संस्था ने स्वास्थ्य को बेहतर करने की एक मुहिम छेड़ रखी है। आज का यह कार्यक्रम इसी कड़ी का एक हिस्सा है। उन्होंने बताया कि लगभग 80 प्रतिशत कीटाणु हाथ छूने से फैलते है। अस्पताल में होने वाले संक्रमण कर्मचारियों की लापरवाही से फैलता है, जो अपने हाथों मरीजों को छूने से पहले और बाद में हाथ धोते नहीं है। इस तरह से कीटाणु फैलते है। वास्तव में अस्पताल के कर्मचारी कीटाणु के लिये एक रोग वाहक का काम करते है। डॉ. संजय ने बेबीनार के दौरान अपने संबोधन में कहा कि कोरोना संक्रमण को रोकने में भारत सरकार द्वारा हाथों की सफाई एवं स्वच्छता के बारे में भारत सरकार की सभी सूचना प्रचार एवं प्रसार के सभी अंग इसको बार-बार सभी नागरिकों को बता रहे हैं। कोविड-19 महामारी के चलते हुए हाथ धोने की आदत पर ज्यादा जोर देना चाहिए क्योंकि कोविड-19 से बचने के लिए अभी कोई दवाई भी उपलब्ध नहीं है। हाथों की धुलाई एवं सफाई, हाथों के संक्रमण को कम करने में एक सरल एवं प्रभावी उपाय है। कोविड-19 महामारी के चलते हाथों की स्वच्छता को हम सबको अपने दिनचर्या में अभिन्न अंग बनाने की जरूरत है। जिससे न केवल हम कोविड-19 संक्रमण से बच सकें बल्कि आज और भविष्य के अन्य संक्रमणों से भी बच सकते है। इस आदत से इतने लोगों के जीवन को बचाया जा सकता है, जो कि कोई एक मशीन या दवाई नहीं बचा सकती।
डॉ. गौरव संजय ने बताया, खाना खाने से पहले और शौच के बाद हाथ धोने की आदत को घरों और स्कूलों में खेल के रूप में बच्चों को सिखाया जाना चाहिए। किसी भी आदत का बचपन में डालना एक आसान काम है, लेकिन एक उम्र के बाद बहुत मुश्किल काम है। संक्रमण से बचने के लिये हाथों को साफ रखने और हाथ धोने की आदत अच्छे स्वास्थ्य के लिये एक महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है और यह हाथ धोने की आदत हमारे विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा चलाई गई सार्वभौमिक स्वास्थ्य की प्राप्ति के लिये एक मील का पत्थर साबित हो सकती है। एक मिनट की हाथ धोने की एक साधारण आदत न केवल व्यक्ति के जीवन को दीघार्यु बनायेगी बल्कि यह जीवन के गुणवत्ता भी बढ़ायेगी। जब एक व्यक्ति स्वस्थ होगा तब हमारा परिवार, समाज एवं देश स्वस्थ रहेगा।

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