उत्तराखंड

किसानों की ऐतिहासिक जीत का सहयोगी संगठनों ने स्वागत किया

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अल्मोड़ा। किसान आंदोलन का सकारात्मक परिणाम के बाद यहां सहयोग संगठनों ने इस का स्वागत किया। शनिवार को यहां हुई सभा में वक्ताओं ने इसको संगठित आंदोलन की ऐतिहासिक जीत बताया। कहा कि आखिर सरकाक एकजुट आंदोलन के सामने झुकने को मजबूर हुई है। गांधी पार्क में हुई सभा में उत्तराखंड किसान सभा (सबद्घ अखिल भारतीय किसान सभा), सीटू, अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति और जनवादी नौजवान सभा के जुड़े लोग शामिल हुए। वक्ताओं ने कहा कि किसान आंदोलन ने साफ कर दिया है कि राजसत्ता कितनी भी निरंकुश हो जनता के संगठित आंदोलन के आगे उसे झुकना पड़ता है। कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य, बिजली बिल व शहीद किसानों के मुआवजे के मामले में सरकार के किसानों को लिखित आश्वासन देना पड़ा है। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन संघर्षरत लोगों को लंबे समय तक प्रेरणा देता रहेगा। भविष्य में रोजगार, महंगाई मानवाधिकारों के संघर्ष सरकार के लिए नई चुनौती के रूप में सामने आएंगे। वहीं सभा के समापन में कार्यकर्ताओं ने आंदोलन में शहीद किसानों, भारत के पहले चीफ अफ स्टाफ जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी समेत हेकिकप्टर दुघर्टना में शहीद सभी जवानों को श्रद्घांजलि अर्पित की। यहां सभा में प्रेमा जड़ौत, आनंदी गुप्ता, सुनीता पांडे, जया पांडे, भानु पांडे, स्वप्निल पांडे, यूसुफ तिवारी, आरपी जोशी, दिनेश पांडे आदि मौजूद रहे।

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