उत्तराखंड

भारतीय संस्कृति की पहचान है गो, गंगा

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जयन्त प्रतिनिधि
श्रीनगर गढ़वाल। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के शिष्य एवं ज्योतिर्मठ बदरीकाश्रम के स्वामी सदाशिव ब्रह्मेदरानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि गो, गंगा व गायत्री भारतीय संस्कृति की पहचान हैं। कहा पूज्यपाद स्वामी शंकराचार्य की ओर से गो रक्षा आंदोलन के साथ ही गंगा सेवा अभियान को लगातार गति दी जा रही है। स्वामी ने कहा कि गो को राष्ट्रमाता घोषित कराए जाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि गाय पशु नहीं बल्कि माता है। गो को राष्ट्रीय माता घोषित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मंदिरों का मूल स्वरूप नहीं बदला जाना चाहिए और न ही उनके साथ छेड़छाड़ की जानी चाहिए। कहा कि नदी के प्राकृतिक प्रवाह को रोकना अनुचित है। नदियों का प्राकृतिक स्वरूप बना रहना चाहिए। इस मौके पर भोपाल सिंह चौधरी, मुकुंदानंद जी, महिमानंद उनियाल, राम सजीवन शुक्ल, प्रवीन नौटियाल, राजकुमार शर्मा आदि मौजूद रहे।

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