पनियाली गदेरे के अतिक्रमण पर लाल निशान लगाकर भूला प्रशासन, पहले भी हो चुकी है जन हानि
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। बरसात में पनियाली गदेरे में बाढ़ की आशंका को देखते हुए प्रशासन लापरवाह बना हुआ है। आलम यह है कि गदेरे के किनारे के खतरे की जद में आने वाले किसी भी भवन को खाली नहीं कराया गया है। प्रशासन ने पिछले वर्ष लोगों को हटाने की अपेक्षा गदेरे किनारे अतिक्रमण चिन्हित कर लाल निशान लगा दिये, लेकिन अभी तक भी अतिक्रमण नहीं हटाया गया है। अभी भी कई मकानों पर लाल निशान लगे हुए है, जबकि कई मकानों पर लाल निशान मिट गये है।
कोटद्वार में हर साल बाढ़ आने से होने वाली तबाही के मुख्य कारण पनियाली गदेरे में अतिक्रमण हटने की जगह बढ़ता ही जा रहा है। पिछले साल भी राजस्व विभाग, सिंचाई विभाग और नगर निगम की टीम ने पनियाली गदेरे के किनारे अतिक्रमण चिन्हित किये थे, लेकिन अभी तक अतिक्रमण हटाया नहीं गया है। इस बार भी प्रशासन अतिक्रमण चिन्हित करने की बात कर रहा है। पनियाली गदेरे पर साल-दर-साल लगातार अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है। आलम यह है कि 16 मीटर चौड़ाई वाला गदेरा अब सिकुड़ कर 6 से 7 मीटर तक ही रह गया है। बरसात आ गई है और पनियाली गदेरे के फिर तबाही मचाने की आशंका से लोग खौफ खाने लगे है। पिछले कुछ सालों से बरसात में गदेरा उफान पर आ जाता है और अतिक्रमण की वजह से यह रास्ता बदलकर आवासीय कॉलोनियों में घुस जाता है। हर साल बरसात से पूर्व पनियाली गदेरे का सर्वे कराकर अवैध अतिक्रमण चिन्हित किया जाता है, लेकिन स्थिति जस की तस है।
पिछले तीन-चार वर्ष से पनियाली गदेरा बाढ़ का सबब बना हुआ है। पिछले तीन-चार से लोग परेशान है। जुलाई 2019 में पनियाली गदेरे में आए उफान के कारण शिवपुर, मानपुर, काशीरामपुर और कौड़िया में बाढ़ आ गइ थी और कई घरों में पानी भर गया था और बाढ़ के चलते करंट की चपेट में आकर दो युवकों की मौत हो गई थी। इसके बाद प्रशासन की नींद खुली और उन्होंने पनियाली गदेरे के अतिक्रमण को चिह्नित कर गदेरे में बने भवनों पर लाल निशान लगाये। राजस्व, नगर निगम और सिंचाई विभाग की टीम ने गदेरे किनारे भवनों पर खतरा बताते हुए चिह्नित किया और उसके बाद लाल निशान वाले भवनों को खाली कराना भूल गया। वर्तमान में आलम यह है कि खतरनाक पनियाली गदेरे में अतिक्रमण जस का तस है। गदेरे के ऊपर बने भवनों में खतरे से अनजान लोग अपने परिवार के साथ रह रहे हैं। पनियाली गदेरा कभी भी इन परिवारों में कहर बनकर टूट सकता है, लेकिन इसके लिए प्रशासन लापरवाह बना हुआ है।
सिंचाई विभाग के सहायक अभियन्ता विनोद कुमार कटारिया ने बताया कि पूर्व में पनियाली गदेरे के किनारे अतिक्रमण किये हुए करीब 150 घरों को चिन्हित किया गया था। पिछले दिनों तहसील में आपदा को लेकर बैठक में उपजिलाधिकारी कोटद्वार ने अति संवदेनशील घरों को चिन्हित करने के निर्देश दिये थे। उन्होंने बताया कि पनियाली गदेरे किनारे अति संवेदनशील 29 घरों को चिन्हित कर लिया गया है। बरसात का अलर्ट आने पर इन परिवारों को शिविरों में शिफ्ट किया जाएगा। इसके लिए मुनादी कराई जाएगी।