कोटद्वार-पौड़ी

गड्ढे में खो गया आधुनिक बस अड्डा, हवा हुई नेताओं की घोषणाएं

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कोटद्वार शहर के मोटरनगर में बनाया जाना था आधुनिक बस अड्डा
11 वर्ष बाद भी बस अड्डा निर्माण के नाम पर नजर आ रहा केवल गड्ढा
शहर में पार्किंग सुविधा नहीं होने से बदहाल हो रही यातायात व्यवस्था
जयन्त प्रतिनिधि।
विधानसभा हो अथवा नगर निगम का चुनाव हर बार मोटरनगर में बनने वाले आधुनिक बस अड्डे के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया जाता है। बकायदा चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी जीतते ही बस अड्डा निर्माण का वादा करते हैं। लेकिन, हकीकत यह है कि वर्षों बाद भी आधुनिक बस अड्े के नाम पर मोटर नगर में केवल एक बड़ा गड्डा ही नजर आ रहा है। नतीजा शहर में पार्किंग व्यवस्था नहीं होने के कारण यातायात व्यवस्था बेपटरी होती जा रही है।
कोटद्वार में आधुनिक बस अड्डा निर्माण के लिए तत्कालीन नगर पालिका ने वर्ष 2010-11 में मोटर नगर की खाली भूमि को चिन्हित किया गया था। 23 मार्च 2013 को पीपीपी मोड पर आधुनिक बस टर्मिनल बनाने का कार्य एक निजी संस्था को सौंप दिया गया था। इसके लिए पालिका ने मोटर नगर की 1.838 हेक्टेयर भूमि में से 1.503 हेक्टेयर भूमि कंपनी को मुहैया करवा दी थी। शर्तों के अनुरूप, मार्च 2015 तक बस अड्डे का निर्माण पूर्ण कर नगर पालिका को सौंपा जाना था। लेकिन, आज भी निर्माण कार्य अधूरा है। आधुनिक बस अड्डे के नाम पर केवल एक बड़ा गड्ढा ही नजर आ रहा है।

तो दूर होगी शहर में पार्किंग की समस्या
मोटर नगर स्थित निर्माणाधीन बस अड्डे के निर्माण को लेकर यदि जनप्रतिनिधि गंभीरता दिखाते तो शहर में पार्किंग समस्या का भी निराकरण होता। हालत यह है कि आज शहर में अतिक्रमण के कारण वाहनों को खड़ा करने तक की जगह नहीं मिल पाती। जिससे शहर में यातायात व्यवस्था बदहाल होती जा रही है। सड़कों पर पूरे दिन जाम की स्थिति बनी रहती है।

कई बार उठा चुके हैं मुद्दा
शहर में सपना बने अधुनिक बस अड्डे के सपने को पूरा करने के लिए शहरवासी कई बार शासन-प्रशासन को पत्र भेज चुके हैं। लेकिन, अब तक सरकारी सिस्टम का ध्यान इस ओर नहीं गया। नतीजा बदहाल स्थिति के कारण शहर की सूरत भी बिगड़ती जा रही है। पूर्व में पूर्व सैनिकों ने भी बस अड्डा निर्माण के लिए अंदोलन किया था।

सड़क पर संचालित हो रहा बस अड्डा
शहर में आधुनिक बस अड्डा निर्माण नहीं होने के कारण परिवहन निगम का बस अड्डा रेलवे स्टेशन के समीप सड़क पर संचालित हो रहा है। ऐसे में आमजन के साथ ही परिवहन निगम को बसें पार्क करने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इससे कई बार सड़क पर दुर्घटनाओं का अंदेशा बना रहता है। लगातार बढ़ रही समस्या के बाद भी सरकारी सिस्टम लापरवाह बना हुआ है।

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