मनरेगा में पंजीकृत जॉब कार्ड धारकों की संख्या बढ़कर 60 हजार 530 हुई
नैनीताल। कोरोना के बीच ग्र्रामीण इलाकों में बेरोजगारी दर में काफी तेजी के साथ इजाफा हुआ है। यही कारण है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) से बीते एक साल में 20 हजार 840 नए बेरोजगारों को जॉब कार्ड जारी किए गए हैं। जिसके बाद जिले में मनरेगा में पंजीकृत जॉब कार्ड धारकों की संख्या बढ़कर 60 हजार 530 हो गई है। हालांकि कुल पंजीकृत में करीब 27 फीसदी लोगों को मनरेगा से रोजगार नहीं मिल पाया है।
कोरोना महामारी के बीच हजारों की संख्या में लोगों का रोजगार छिना है। बड़े महानगरों से बड़ी संख्या में प्रवासियों ने ग्रामीण इलाकों में वापसी की है। ऐसे में मनरेगा रोजगार पाने का एक महत्वपूर्ण जरिया बन रही है। मनरेगा के आंकड़ों के अनुसार बीते वित्तीय वर्ष में नैनीताल जिले में एक लाख 21 हजार से अधिक लोग पंजीकृत थे, जिसमें से 60 हजार 530 लोगों को जॉब कार्ड जारी किए गए। इसमें से भी मात्र 44 हजार 378 लोगों को ही रोजगार मिल पाया है। रिकॉर्ड पर नजर डालें तो जिले के बेतालघाट, ओखलकांडा, रामगढ़ में सबसे अधिक लोगों को मनरेगा से रोजगार मिला है। जबकि सबसे कम रोजगार हल्द्वानी ब्लॉक के लोगों को मिला। जिला विकास अधिकारी रमा गोस्वामी के अनुसार मनरेगा से रोजगार की पाने वालों के साथ पंजीकरण भी बढ़े हैं। ज्यादातर योजनाओं पर काम भी चल रहा है।
एससी, एसटी की भागीदारी कम
मनरेगा में एससी व एसटी की भागीदारी कम रही है। जिले में कुल 60 हजार 530 जॉब कार्ड जारी किए गए हैं। जिसमें से एससी के लिए 12 हजार 448 व एसटी के लिए मात्र 410 जारी हुए। अन्य कैटेगरी के लिए 47 हजार से अधिक मनरेगा जॉब कार्ड जारी हुए हैं। एससी कैटेगरी में धारी व ओखलकांडा में सबसे कम जॉब कार्ड जारी हुए। बेतालघाट, हल्द्वानी व कोटाबाग ब्लॉक में एससी के लिए सबसे अधिक जॉब कार्ड जारी हुए हैं। हालांकि मनरेगा से पूरा होने वाले कामों की संख्या अब भी काफी कम है।
1745 परिवारों को मिला 100 दिन का रोजगार
मनरेगा में 100 दिन का न्यूनतम रोजगार का वायदा है। पर योजना सबके साथ यह वायदा पूरा नहीं कर पा रही। जिले के केवल 1745 परिवारों को ही बीते वित्तीय वर्ष में 100 दिनों का रोजगार मिल पाया। मनरेगा में 25 हजार से अधिक का पंजीकरण हुआ है। ऐसे में साफ है कि मनरेगा रोजगार तो दे रही है पर 100 दिनों के रोजगार की गारंटी पूरी नहीं कर पा रही।