मेडिकल स्टोर एसोसिएशन के चुनाव को लेकर बढ़ने लगी रार
रुद्रपुर। कैमिस्ट एवं ड्रिगस्ट एसोसिएशन की नगर कार्यकारिणी चुनाव को लेकर दो गुटों में रार बढ़ती जा रही है। जिसको लेकर मेडिकल स्टोर कारोबार से जुड़े दुकानदारों ने पत्रकार वार्ता कर आरोप-प्रत्यारोप लगाए। डीएम को ज्ञापन देकर चुनाव को एक माह तक स्थगित करने की मांग की। आरोप था कि एक गुट ने विवाद को थामने की बजाय गुपचुप तरीके से कार्यकारिणी का विस्तार कर दिया है।
शनिवार को पत्रकार वार्ता में एसोसिएशन के चुनाव अधिकारी रहे राजकुमार हुडिया ने बताया कि मेडिकल स्टोर एसोसिएशन की कार्यकारिणी का चुनाव सात मार्च को होना था। इससे पहले कई लोगों ने भी अपने दावेदारी कर नामाकंन पत्र दिया था। आरोप था कि चुनाव प्रक्रिया के लिए मुख्य चुनाव अधिकारी नरेंद्र कुमार अरोरा को बनाया गया था, लेकिन मुख्य चुनाव अधिकारी बनने के बाद से ही वह दवाब बनाने की कोशिश करने लगे और अन्य चार निर्वाचन अधिकारियों से कोई चर्चा तक नहीं करते थे। आरोप था कि वहीं विगत दिनों बैठक के दौरान हुए विवाद के बाद पद से त्याग पत्र भी दिया था। डीएम को ज्ञापन देकर चुनाव प्रकिया को एक माह तक के लिए स्थगित करने की मांग की गई थी। वहीं पत्रकार वार्ता में पूर्व अध्यक्ष हरीश मुंजाल ने बताया कि महामंत्री पद के लिए दो दावेदार थे। जिसमें से एक वह खुद शामिल थे। आरोप था कि मुख्य चुनाव अधिकारी ने बिना किसी को बताए आपत्ति लगाकर नामांकन खारिज कर दिया। जबकि दूसरा दावेदार मुख्य चुनाव अधिकारी का पार्टनर है। ऐसे में नियमानुसार चुनाव अधिकारी प्रस्तावक नहीं बन सकता है। आरोप था कि मुख्य चुनाव अधिकारी अरोड़ा कपड़ा कारोबार से जुड़े हैं। बावजूद इसके बिना चुनाव प्रक्रिया नियम को अपनाए कार्यकारिणी को घोषित कर दिया गया, जबकि ज्यादातर मेडिकल कारोबारी उनका समर्थन भी कर चुके हैं। यहां संजीव कामरा, सुमित खुराना, मोहित कुमार, अंकित हुडियां, अमित छाबड़ा, चकित हुडिया, योगेश कुमार आदि मौजूद थे।
कारोबारियों को बांटने की कोशिशरू नरेंद्र
मेडिकल स्टोर एसोसिएशन के मुख्य चुनाव अधिकारी नरेंद्र कुमार अरोरा ने बताया कि मेडिकल स्टोर एसोसिएशन के चुनाव में मुख्य चुनाव अधिकारी के अलावा चार चुनाव अधिकारी बनाए गए थे। नियमानुसार वह भी मेडिकल स्टोर में पार्टनर होने के नाते मुख्य चुनाव अधिकारी सर्वसम्मति से बनाए गए थे। इसके अलावा नामाकंन पत्र खारिज करने के मामले में तीन चुनाव अधिकारी के हस्ताक्षर भी हैं। इनमें विरोध कर रहे राजकुमार हुडिया के भी हस्ताक्षर हैं। वहीं विवाद के बाद नियत तिथि व नियमानुसार मेडिकल एसोसिएशन के सदस्यों एवं चुनाव अधिकारियों की सहमति पर कार्यकारिणी के कुछ पदों पर विस्तार कर सभी दस्तावेज प्रांतीय नेतृत्व को भेज दिए गए हैं। ऐसे में दूसरा गुट बेवजह विवाद खड़ा कर कारोबारियों को बांटने की कोशिश कर रहा है।