दिवाली पर धुआं-धुआं हुई राजधानी दिल्ली में अब हाथ सेंकने पर भी लगा बैन, 18 तक बंद रहेंगे स्कूल
नई दिल्ली, एजेंसी। राजधानी दिल्ली में बारिश की वजह से घटा प्रदूषण दिवाली के बाद एक बार फिर बढ़ गया है। जहां राजधानी में दिवाली की सुबह एक्यूआई 202 था, वहीं दिवाली की अगली सुबह यानी सोमवार को यह कई इलाकों में फिर 900 से पार पहुंच गया। इस वजह से दिल्लीवासियों को अगले आदेश तक ग्रैप-4 की पाबंदियों का सामना करना पड़ेगा। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को सचिवालय में समीक्षा बैठक के बाद बताया कि दिल्ली में पाबंदियां अभी जारी रहेंगी। इसके अलावा एंटी डस्ट कैंपेन को 15 दिन के लिए बढ़ाने और हाथ सेंकने के लिए लकड़ी जलाने पर भी रोक लगाई गई है। गोपाल राय ने कहा कि सीएक्यूएम की अगली बैठक तक दिल्ली में ग्रैप के स्टेज-4 की पाबंदियां जारी रहेंगी। उन्होंने कहा कि बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल की गाडिय़ों पर पाबंदी जारी रहेगी। आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति वाले ट्रकों को छोडक़र अन्य पर पाबंदी रहेगी। सीएनजी और इलेक्ट्रिक ट्रकों ंको प्रतिबंध से छूट दी गई है। दिल्ली में सभी तरह के कंस्ट्रक्शन पर भी प्रतिबंध जारी रखने का फैसला लिया गया है। 18 तक स्कूल बंद रखने का फैसला भी जारी रहेगा। 13 हॉट स्पॉट पर मॉनिटरिंग को सख्त किया जाएगा। एंटी डस्ट कैंपेन को 15 दिनों के लिए बढ़ाते हुए 30 नवंबर तक जारी रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि एंटी ओपन बर्निंग (हाथ सेंकने के लिए लकड़ी जलाने पर) एक महीने के लिए रोक रहेगी।
इसके लिए 611 टीमों की ड्यूटी लगाई जा रही है। उन्होंने दिल्ली की जनता से ग्रीन दिल्ली ऐप डाउनलोड करने की अपील करते हुए कहा कि इस तरह की गतिविधि दिखने पर वॉर रूम को सूचित करें। गोपाल राय ने कहा कि दिवाली की रात से पहले दिल्ली में प्रदूषण का स्तर औसतन 215 तक पहुंच गया था, लेकिन दिवाली की रात में जिस तरह टारगेटेड तरीके से दिल्ली, यूपी और हरियाणा में पटाखे जलाने की घटनाएं हुईं, उससे प्रदूषण का स्तर भी बढ़ते-बढ़ते औसतन 315 तक पहुंच गया। उन्होंने आतिशबाजी के लिए यूपी और हरियाणा की सरकार को भी जिम्मेदार बताया। गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली में पटाखों के निर्माण, भंडारण और बिक्री पर प्रतिबंध था, लेकिन पटाखे जले, जो उत्तर प्रदेश और हरियाणा से आए। उत्तर प्रदेश और हरियाणा में अगर सख्ती से प्रतिबंध होता, तो वहां भी लोगों को पटाखे नहीं मिलते। उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली पुलिस की निगरानी के बीच से एक आम आदमी पटाखों को एक राज्य से दूसरे राज्य में सप्लाई नहीं कर सकता है। तीनों राज्यों में भाजपा के नियंत्रण वाली पुलिस व्यवस्था है। अगर वह सक्रियता से काम करते, तो रातों रात प्रदूषण में 100 अंकों की बढ़ोतरी से हम बच सकते थे।
सुप्रीम कोर्ट की मनाही के बावजूद दीपावली की रात राजधानी दिल्ली में जमकर आतिशबाजी हुई। इसकी वजह से एयर क्वालिटी इंडेक्स चार गुना से ज्यादा हो गया और पटाखों के धुएं से दिल्ली में काली धुंध छा गई।